
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो हाल ही में अपने हजारों फ्लाइट्स कैंसिल होने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी में डाल चुकी है। इस घटना से सबक लेते हुए सरकार ने नई एयरलाइनों को एनओसी (No Objection Certificate) जारी करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी कड़ी में इस हफ्ते दो नई एयरलाइनों को हरी झंडी मिली है।
भारत में एविएशन मार्केट में बढ़ते विकल्प
इंडिगो वर्तमान में भारतीय एविएशन मार्केट में लगभग 65% हिस्सेदारी रखती है। हाल में हुई फ्लाइट कैंसलेशन ने स्पष्ट किया कि यात्रियों को ज्यादा विकल्प और प्रतिस्पर्धा की जरूरत है। यूनियन एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने बताया कि इस हफ्ते अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस को NOC जारी किया गया। इससे पहले शंख एयर को पहले ही सरकार से NOC मिल चुका है। मंत्रालय का मानना है कि भारत में कम से कम पांच बड़ी एयरलाइन के लिए जगह होनी चाहिए, ताकि इंडिगो और एयर इंडिया का दबदबा कम हो।
ऑपरेटिंग कॉस्ट और चुनौतियां
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते एविएशन मार्केट्स में से एक है। हालांकि क्षेत्रीय एयरलाइनों जैसे स्टार एयर, इंडिया वन एयर और फ्लाई91 ने कनेक्टिविटी बढ़ाई है, लेकिन इंडस्ट्री को उच्च ऑपरेटिंग कॉस्ट और जेट फ्यूल की कीमतों के कारण लंबे समय तक टिके रहने में कठिनाई होती है। एक एविएशन एक्सपर्ट के मुताबिक, “भारतीय एविएशन इकोसिस्टम में एयरलाइनों को छोड़कर लगभग सभी स्टेकहोल्डर पैसा कमाते हैं। नई एयरलाइन शुरू करना आसान है, लेकिन उसे लगातार चलाना बड़ी चुनौती है।”
लग्जरी नहीं, जरूरत बन गई हवाई यात्रा
हालांकि एयरलाइन का बंद होना केवल भारत की समस्या नहीं है, लेकिन यहां लागत और टैक्स के कारण माहौल एयरलाइनों के लिए चुनौतीपूर्ण है। एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि हवाई यात्रा अब केवल लग्जरी नहीं बल्कि आम जरूरत बन चुकी है। इसके लिए सरकार को लागत और टैक्स को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है।
सरकार की यह पहल यात्रियों के लिए विकल्प बढ़ाएगी और एविएशन मार्केट में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को मजबूती देगी।