
कभी पाकिस्तान की शान रही पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन (PIA) अब एक नई पहचान के साथ उभर रही है। हाल ही में इस एयरलाइन का सौदा 135 अरब पाकिस्तानी रुपये (लगभग 4300 करोड़ रुपये) में संपन्न हुआ, जिसे आरिफ हबीब इन्वेस्टमेंट फर्म की अगुवाई वाले कंसोर्टियम ने खरीदा। इस नीलामी को पाकिस्तान के इतिहास की सबसे बड़ी बिक्री माना जा रहा है।
आरिफ हबीब और उनका गुजरात कनेक्शन
आरिफ हबीब का परिवार मूल रूप से भारत के गुजरात राज्य के जूनागढ़ जिले का है। विभाजन के बाद उनका परिवार पाकिस्तान के कराची शहर में बस गया। आरिफ हबीब ने कराची स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉकब्रोकर के रूप में करियर की शुरुआत की और बाद में निवेश के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई। उनकी इन्वेस्टमेंट फर्म सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने और उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए जानी जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनकी व्यक्तिगत संपत्ति लगभग 500 मिलियन डॉलर है और वह पाकिस्तान के अमीरों की लिस्ट में 18वें स्थान पर हैं।
पीआईए की बिक्री का ढांचा
इस सौदे के अनुसार शुरू में PIA के 75% शेयर बेचे जाएंगे, जबकि अगले 90 दिनों में खरीदार को शेष 25% शेयर भी खरीदने होंगे। बिक्री से प्राप्त राशि का 92.5% एयरलाइन के सुधार और विस्तार में निवेश किया जाएगा, और 7.5% सरकार को मिलेगा। आरिफ हबीब को अगले पांच साल में PIA में अतिरिक्त 80 अरब रुपये का निवेश करना है। सरकार ने पिछले साल एयरलाइन का भारी कर्ज (654 अरब रुपये) अपने ऊपर ले लिया था ताकि बिक्री को आकर्षक बनाया जा सके।
पाकिस्तानी पीएम की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस पारदर्शी बिक्री की तारीफ की और इसे पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा सौदा बताया। पिछले साल भी एयरलाइन को बेचने का प्रयास असफल रहा था, लेकिन अब आरिफ हबीब की फर्म के नेतृत्व में यह संभव हो सका।
व्यावसायिक विस्तार और चैरिटी
आरिफ हबीब ग्रुप का कारोबार फाइनेंशियल सर्विसेज, रियल एस्टेट, सीमेंट, फर्टिलाइजर, एनर्जी और स्टील तक फैला हुआ है। इसके साथ ही यह समूह सामाजिक और चैरिटी प्रोजेक्ट्स के लिए भी जाना जाता है।
यह डील न केवल पाकिस्तान की एयरलाइन इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत-पाकिस्तान के कारोबारी संबंधों में भी एक नया अध्याय जोड़ने वाली साबित हो सकती है।