Wednesday, December 24

‘इंदिरा और राजीव गांधी के निधन के बाद मैंने पूछा—धर्मनिरपेक्षता का मतलब क्या?’ सेक्युलरिज़्म पर नितिन गडकरी का कांग्रेस पर तीखा हमला

 

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नई दिल्ली।

केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने कांग्रेस के सेक्युलरिज़्म की अवधारणा पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि सेक्युलर शब्द की गलत व्याख्या ही आज तक देश में हिंदू-मुस्लिम समस्या की बड़ी वजह बनी हुई है। उनका आरोप है कि आज़ादी के बाद कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए सेक्युलरिज़्म के अर्थ को बदल दिया।

 

‘सेक्युलर का मतलब धर्मनिरपेक्ष नहीं’

 

मंगलवार को एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि अंग्रेज़ी शब्द Secular का सही अर्थ ‘सर्व धर्म समभाव’ है, न कि जैसा कांग्रेस ने इसे ‘धर्मनिरपेक्षता’ के रूप में परिभाषित किया।

उन्होंने कहा,

“सेक्युलर का मतलब है—सबके साथ न्याय और किसी का तुष्टिकरण नहीं। लेकिन 1947 के बाद कांग्रेस ने अपनी सोच के अनुसार इसकी व्याख्या कर दी, जिसके दुष्परिणाम आज भी देश झेल रहा है।”

 

‘कांग्रेस के सेक्युलरवाद से बढ़ी समस्याएं’

 

बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस द्वारा प्रचारित सेक्युलरवाद की वजह से आज़ादी के बाद हिंदू-मुस्लिम विवादों की शुरुआत हुई।

गडकरी ने कहा,

“आप शब्दकोश में देखिए—सेक्युलर का अर्थ धर्मनिरपेक्ष नहीं, बल्कि सर्व धर्म समभाव है। दुर्भाग्य से इसे राजनीति का औजार बना दिया गया।”

 

इंदिरा और राजीव गांधी के अंतिम संस्कार का जिक्र

 

केंद्रीय मंत्री ने अपने वक्तव्य में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के निधन के बाद के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा,

“जब इंदिरा जी और राजीव गांधी जी का निधन हुआ, तब मैंने किसी से पूछा था कि मंत्रोच्चारण के साथ चिता दहन के लिए ब्राह्मण को क्यों बुलाया गया? तब मैंने सवाल किया—धर्मनिरपेक्षता का मतलब आखिर है क्या?”

 

‘हमारी संस्कृति सांप्रदायिक नहीं’

 

गडकरी ने कहा कि भारतीय और सनातन संस्कृति कभी भी सांप्रदायिक या जातिवादी नहीं रही।

उन्होंने कहा,

“हिंदुत्व दयालु, सहिष्णु और सबको साथ लेकर चलने वाला विचार है। इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है कि किसी हिंदू राजा ने किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल को नष्ट किया हो। यह हमारी संस्कृति नहीं है, यह हमारे संस्कारों में नहीं है।”

 

इतिहास को गलत तरीके से समझने का आरोप

 

गडकरी ने कहा कि दुर्भाग्य से भारतीयता, सनातन संस्कृति और इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया, और इसमें “हमारे ही कुछ लोगों” की भूमिका रही।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अतीत की गलतियों से सीख लेकर भविष्य में उन्हें दोहराने से बचना जरूरी है।

 

(इनपुट: पीटीआई)

 

 

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