
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में आज एक बड़ा ऐतिहासिक पल सामने आया है। उद्धव ठाकरे (शिवसेना UBT) और राज ठाकरे (MNS) ने 20 साल बाद एकजुट होकर मुंबई सहित राज्य की महानगर पालिकाओं के चुनाव मिलकर लड़ने का ऐलान किया।
स्मृति स्थल पर श्रद्धांजलि:
दोनों भाईयों ने सुबह मुंबई के वरली स्थित स्मृति स्थल पर जाकर शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे को पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे, बेटे आदित्य ठाकरे और दोनों दलों के नेता मौजूद रहे। समारोह में जय भवानी और जय शिवाजी के नारे भी गूंजे।
राजनीतिक गठबंधन का औपचारिक ऐलान:
उद्धव और राज ठाकरे ने अपने गठबंधन की घोषणा होटल ब्लू सी, वरली में की। इस ऐतिहासिक कदम के साथ शिवसेना-UBT और MNS एक साथ मुंबई बीएमसी के अलावा ठाणे, कल्याण और नवी मुंबई में भी चुनाव लड़ने की संभावना तलाश रहे हैं।
परिवार की प्रतिक्रिया:
ठाकरे परिवार के वरिष्ठ सदस्य चंद्रकांत वैद्य ने कहा, “मैं बहुत खुश हूं। इतने लंबे समय से हम इसका प्रयास कर रहे थे और अब हमारी कोशिशें रंग लाई हैं। पूर्वजों, देवी तुलजा भवानी और सभी का धन्यवाद।”
उद्धव गुट की प्रतिक्रिया:
शिवसेना-UBT की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “यह एक ऐतिहासिक पल है। जब ये दोनों भाई अपनी पार्टियों के गठबंधन की घोषणा करेंगे, तो हम ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ेंगे। पिछले 3.5 सालों में बीएमसी चुनाव नहीं हुए हैं और जनता के लिए कोई काम नहीं किया गया। अब समय की जरूरत है कि हम साथ मिलकर काम करें।”
2017 के बीएमसी चुनाव की याद:
2017 में बीजेपी और शिवसेना अलग-अलग लड़े थे। तब बीजेपी को 84, एकीकृत शिवसेना को 82, कांग्रेस 31, एनसीपी 9, MNS 7, समाजवादी पार्टी 6 और AIMIM 2 सीटें मिली थीं। मुंबई बीएमसी में 227 सीटें हैं, और मेयर बनने के लिए 114 पार्षदों का समर्थन आवश्यक है।
राजनीतिक मायने:
ठाकरे भाइयों का यह गठबंधन न केवल मुंबई में शिवसेना की प्रतिष्ठा को मजबूत करेगा, बल्कि आगामी बीएमसी चुनाव में राज्य की सियासी दिशा को भी प्रभावित करेगा।