Wednesday, December 24

‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ मिशन लॉन्च: ISRO ने रचा इतिहास, मोबाइल नेटवर्क का अंदाज बदलेगा

 

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श्रीहरिकोटा/नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बुधवार सुबह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से अपने सबसे बड़े वाणिज्यिक मिशन ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 का सफल प्रक्षेपण किया। LVM3-M6 रॉकेट के जरिए यह 6100 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह पृथ्वी की निम्न कक्षा (LEO) में स्थापित होगा।

 

मिशन की खासियत

 

यह उपग्रह 600 किलोमीटर की ऊंचाई पर तैनात होगा।

मिशन के जरिए दुनिया भर में सीधे स्मार्टफोन को उच्च गति वाली 4G और 5G ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।

इस उपग्रह से मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी में बड़े बदलाव आएंगे और वॉयस-वीडियो कॉल, संदेश, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाओं की गुणवत्ता सुधरेगी।

प्रक्षेपण के लगभग 15 मिनट बाद ‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ उपग्रह रॉकेट से अलग हो जाएगा।

 

इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन का योगदान

इस मिशन में इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन का नेतृत्व प्रमुख रहा। लॉन्चिंग से पहले उन्होंने तिरुमला स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना कर मिशन की सफलता की कामना की।

 

रॉकेट और तकनीकी जानकारी

 

LVM3-M6 रॉकेट 43.5 मीटर ऊंचा, तीन चरणों वाला और क्रायोजेनिक इंजन से लैस है।

इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) ने इसे विकसित किया है।

रॉकेट में दो S200 ठोस रॉकेट बूस्टर लगे हैं, जिन्हें विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने तैयार किया।

 

वाणिज्यिक सहयोग और भविष्य की योजनाएं

यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और अमेरिका की AST स्पेसमोबाइल के बीच वाणिज्यिक समझौते के तहत संचालित किया गया। AST स्पेसमोबाइल ने पहले भी ब्लूबर्ड-1 से 5 उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं, जो अमेरिका और अन्य देशों में इंटरनेट कवरेज प्रदान कर रहे हैं। कंपनी ने अब अपने नेटवर्क को और मजबूत करने के लिए नए उपग्रह प्रक्षेपित करने की योजना बनाई है और दुनिया भर के 50 से अधिक मोबाइल ऑपरेटरों के साथ साझेदारी की है।

 

इतिहास रचने वाला मिशन

‘ब्लूबर्ड ब्लॉक-2’ मिशन ISRO के वाणिज्यिक और तकनीकी इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके सफल प्रक्षेपण से भारत की अंतरिक्ष क्षमता और वैश्विक स्तर पर मोबाइल नेटवर्क सेवा में योगदान और बढ़ जाएगा।

 

 

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