
इस्लामाबाद: पाकिस्तान अपने पश्चिमी प्रांतों खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवाद और सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने देश के लिए नए सुरक्षा खतरों का खुलासा किया।
उन्होंने नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (NDU) में आयोजित नेशनल सिक्योरिटी एंड वॉर कोर्स में कहा कि पाकिस्तान को “मल्टी-डोमेन तैयारी” की आवश्यकता है। ये खतरे केवल पारंपरिक मिलिट्री तक सीमित नहीं हैं, बल्कि साइबर, आर्थिक और इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर तक फैले हुए हैं।
असीम मुनीर ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के प्रचंड हमले पाकिस्तान भूल नहीं पाया है। भारत ने चार दिन तक चले इस युद्ध के दौरान पाकिस्तान पर स्कैल्प और ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला किया था, और पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम इन्हें रोकने में असफल रहा। पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारी अब डर रहे हैं कि भारत कभी भी फिर से इसी तरह का हमला कर सकता है।
मुनीर ने चेतावनी दी कि गलत सूचना और प्रॉक्सी का इस्तेमाल पाकिस्तान के लिए नया खतरा बन गया है। उन्होंने कहा कि दुश्मन तत्व सीधे टकराव के बजाय आंतरिक कमजोरियों का फायदा उठाने के लिए अप्रत्यक्ष और अस्पष्ट तरीकों का तेजी से उपयोग कर रहे हैं।
उन्होंने भविष्य के सैन्य नेतृत्व को इन जटिल और बदलते सुरक्षा खतरों को पहचानने, उनका अनुमान लगाने और उनका मुकाबला करने के लिए प्रशिक्षित करने पर जोर दिया।
पाकिस्तान के पश्चिमी क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियां और सुरक्षा की नाजुक स्थिति देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं।