
मुजफ्फरनगर।
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे कथित अत्याचारों को लेकर हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची ने तीखा और भावनात्मक बयान दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि बांग्लादेश की सीमाओं के फाटक खोलकर वहां के पीड़ित हिंदुओं को भारत में सुरक्षित शरण दी जाए। साथ ही उन्होंने भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिकों को देश से बाहर भेजने की भी अपील की।
मुजफ्फरनगर में मीडिया से बातचीत के दौरान साध्वी प्राची ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और हत्याएं अत्यंत पीड़ादायक और चिंताजनक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जो राजनीतिक नेता अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गाजा पट्टी जैसे मुद्दों पर मानवता की दुहाई देते नजर आते हैं, वे बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा पर चुप्पी साधे हुए हैं।
उन्होंने कहा, “जब हिंदू मारे जाते हैं, तब इन नेताओं की संवेदनाएं मर जाती हैं।”
केंद्र सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग
साध्वी प्राची ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर ठोस और प्रभावी कदम उठाए। उनके अनुसार, संकट के समय भारत को अपने हिंदू भाइयों और बहनों के लिए सुरक्षित आश्रय स्थल बनना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर उन्हें उनके देश वापस भेजा जाना चाहिए।
‘हिंदू एक रहेगा तो सुरक्षित रहेगा’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन करते हुए साध्वी प्राची ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पूरे हिंदू समाज के लिए चेतावनी है।
उन्होंने कहा, “जहां हिंदू समाज बिखरा, वहां उसका यही हश्र हुआ। हिंदू एक रहेगा, तभी सुरक्षित रहेगा।”
उन्होंने समाज से एकजुट रहने और संगठन की ताकत को पहचानने का आह्वान किया।
यूसीसी लागू करने की मांग दोहराई
साध्वी प्राची ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को देशहित में आवश्यक बताते हुए इसे जल्द लागू करने की मांग भी दोहराई। उन्होंने कहा कि इससे सामाजिक संतुलन और राष्ट्रीय एकता को मजबूती मिलेगी।
उन्होंने गृहमंत्री और केंद्र सरकार की टीम की सराहना करते हुए कहा कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक व्यवस्था को लेकर सही दिशा में कार्य कर रही है।
अपने बयान के अंत में साध्वी प्राची ने कहा कि उन्होंने भगवान भोलेनाथ से हिंदू समाज की रक्षा के लिए प्रार्थना की है और यह समय निर्णायक फैसले लेने का है, ताकि देश की सुरक्षा और सामाजिक संतुलन बना रहे।