
भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी स्टैनफोर्ड AI इंडेक्स रिपोर्ट 2025 में भारत को AI टैलेंट के मामले में दुनिया में तीसरा स्थान मिला है। अब संकेत हैं कि साल 2027 तक भारत AI के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करेगा, जब देश का AI टैलेंट बेस दोगुने से भी अधिक हो जाएगा।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि भारत आज AI स्किल्स के मामले में दुनिया के सबसे मजबूत देशों में शामिल है। रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि AI टैलेंट को आकर्षित करने में भारत दुनिया में पहले स्थान पर है। देश में AI से जुड़ी नौकरियों में हर साल लगभग 33 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है, जबकि 2016 से अब तक AI प्रोफेशनल्स की संख्या तीन गुना से अधिक बढ़ चुकी है।
सरकार की दूरदर्शी AI रणनीति
मंत्री ने कहा कि सरकार यह भली-भांति समझती है कि भविष्य की अर्थव्यवस्था AI पर आधारित होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाई जा रही हैं, ताकि हर सेक्टर में कुशल मानव संसाधन तैयार किया जा सके। अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स भी भारतीय AI वर्कफोर्स की क्षमता और गुणवत्ता की सराहना कर रही हैं।
2027 तक दोगुना होगा AI टैलेंट
अनुमानों के अनुसार, भारत का AI टैलेंट बेस हर साल करीब 15 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा और 2027 तक यह दोगुना हो जाएगा। इसका असर वैश्विक मंच पर भी साफ दिखाई दे रहा है। गिटहब पर AI प्रोजेक्ट्स में भारत का योगदान 2024 में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा रहा, जो कुल AI प्रोजेक्ट्स का 19.9 प्रतिशत है। यह आंकड़ा भारतीय डेवलपर्स की तकनीकी मजबूती को दर्शाता है।
IndiaAI मिशन से मिल रही नई ताकत
सरकार के IndiaAI मिशन के तहत AI स्किल्स, रिसर्च और इनोवेशन पर बड़े स्तर पर निवेश किया जा रहा है। इस मिशन के अंतर्गत
- 500 पीएचडी शोधार्थियों,
- 5,000 पोस्टग्रेजुएट,
- और 8,000 ग्रेजुएट छात्रों को AI से जुड़े कार्यों के लिए सहायता दी जा रही है।
इसके साथ ही, छोटे शहरों में 27 IndiaAI डेटा और AI लैब्स स्थापित की गई हैं, जहां डेटा एनोटेशन और AI से जुड़े कोर्स कराए जा रहे हैं। इसके अलावा, 174 आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों में भी AI लैब्स विकसित की जा रही हैं, ताकि दूसरे और तीसरे दर्जे के शहरों के युवाओं को भी बराबर अवसर मिल सके।
2030 तक 1 करोड़ लोग AI से होंगे जुड़े
सरकार, नासकॉम के सहयोग से, युवाओं को AI, बिग डेटा और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित कर रही है। राष्ट्रीय कौशल मानकों से जुड़े इस प्लेटफॉर्म पर 500 से अधिक कोर्स उपलब्ध हैं। अब तक 16 लाख से ज्यादा लोग इनमें नामांकन कर चुके हैं या प्रशिक्षण ले चुके हैं।
इसके अलावा, एक निशुल्क राष्ट्रीय कार्यक्रम ‘युवा AI फॉर ऑल’ भी शुरू किया गया है, जो आम नागरिकों को AI की बुनियादी समझ प्रदान करता है। नासकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल स्किल टैलेंट पूल है और 2030 तक 80 से 100 लाख लोग AI से जुड़े कार्यों के लिए तैयार हो सकते हैं।
भविष्य की तस्वीर
AI के क्षेत्र में यह प्रगति न केवल भारत की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगी, बल्कि देश को तकनीकी महाशक्ति बनाने में भी निर्णायक भूमिका निभाएगी। सरकार, उद्योग और युवा—तीनों के संयुक्त प्रयास से भारत आने वाले वर्षों में AI की वैश्विक राजधानी बनने की ओर बढ़ रहा है।