
रियाद: सऊदी अरब ने भारतीयों समेत प्रवासी मजदूरों के हितों की सुरक्षा के लिए श्रम कानून में बड़ा सुधार किया है। नए नियमों से अब सऊदी अरब में काम करने वाले हजारों भारतीय कामगारों को सही वेतन, आराम और बेहतर कामकाजी परिस्थितियाँ सुनिश्चित होंगी। मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्री अहमद अल-राजही ने नए कानून को मंजूरी दे दी है, जिसका मकसद श्रमिकों के रोजगार में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाना है।
नए कानून की मुख्य विशेषताएँ:
- सालाना छुट्टी: खेती और पशुपालन से जुड़े श्रमिकों को हर साल कम से कम 30 दिनों की छुट्टी वेतन के साथ मिलेगी। यदि अनुबंध छुट्टी लेने से पहले समाप्त हो जाता है, तो भी श्रमिक को पूरा वेतन मिलेगा।
- ओवरटाइम भुगतान: अतिरिक्त काम के लिए मूल वेतन का 50 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान अनिवार्य होगा। हालांकि, सरकारी छुट्टियों पर किया गया काम ओवरटाइम में नहीं गिना जाएगा।
- कार्य समय और ब्रेक: रोजाना काम का समय 8 घंटे तक निर्धारित किया गया है। लगातार 5 घंटे से अधिक काम होने पर श्रमिक को कम से कम 30 मिनट का ब्रेक मिलेगा।
- साप्ताहिक आराम: हर हफ्ते कम से कम 24 घंटे की आराम की छुट्टी अनिवार्य होगी। यदि यह छुट्टी सामान्य कामकाजी दिन में पड़ती है, तो श्रमिक को वैकल्पिक दिन की छुट्टी दी जाएगी।
श्रमिकों के अधिकार और सुरक्षा:
- नियोक्ता 21 वर्ष से कम उम्र के श्रमिकों को नियुक्त नहीं कर सकते।
- अनुबंध में तय काम के अलावा अन्य काम कराना या किसी के निजी व्यवसाय के लिए काम कराना प्रतिबंधित होगा।
- 90 दिनों तक की प्रोबेशन अवधि में दोनों पक्ष बिना मुआवजे के अनुबंध समाप्त कर सकते हैं, पर इसे एक ही नियोक्ता के साथ दोबारा लागू नहीं किया जा सकेगा।
नियोक्ताओं की जिम्मेदारियाँ:
- श्रमिकों को उचित आवास, भोजन या भोजन भत्ता और कार्यस्थल से दूर रहने पर परिवहन की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा।
- वीजा, रेजिडेंसी परमिट या पासपोर्ट जब्त करना या कानूनी प्रक्रिया का खर्च श्रमिक से वसूलना अब निषिद्ध है।
- किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार या शव को मूल देश भेजने का खर्च नियोक्ता उठाएगा।
ये नए नियम भारतीय कामगारों के लिए सुरक्षा, सम्मान और बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे और सऊदी अरब में काम करने का अनुभव पहले से कहीं अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाएंगे।