Saturday, December 20

यूपी वालों की जेब पर पड़ेगा करंट! UPPCL तैयार बढ़ाने को बिजली बिल

लखनऊ, अभिषेक शुक्ला: उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी चुनौती सामने आ गई है। ऊर्जा मंत्रालय ने सभी विद्युत नियामक आयोगों को आदेश दिया है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर आने वाला पूरा खर्च उपभोक्ताओं के बिजली टैरिफ में जोड़ा जाए। इस आदेश के लागू होने से प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी हो सकती है।

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स्मार्ट मीटर, भारी बिल

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि इस फैसले से उपभोक्ताओं पर फिक्स चार्ज और एनर्जी चार्ज दोनों में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि पहले यह कहकर मीटर बदले जा रहे थे कि इसका कोई अतिरिक्त बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा।

उद्योगपतियों को मिलेगा लाभ, जनता पर बोझ

अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सरकार द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए 18,885 करोड़ रुपये की स्वीकृति के बावजूद टेंडर 27,342 करोड़ रुपये में अवॉर्ड किया गया, जो करीब 8,500 करोड़ रुपये अधिक है। इसका सीधा लाभ बड़े उद्योगपतियों को मिलेगा, जबकि जनता को भारी बिल का सामना करना पड़ेगा।

दोहरी वसूली का आरोप

अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश में करीब 3 करोड़ 62 लाख विद्युत उपभोक्ताओं ने पहले ही मीटर की लागत चुकाई है। घरेलू उपभोक्ताओं के सिंगल फेस मीटर की औसत कीमत 872 रुपये मानी जाए तो पहले ही लगभग 2,616 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। थ्री फेस मीटर जोड़ने पर यह राशि करीब 3,000 करोड़ रुपये तक पहुंचती है।

“जनता से दोहरी वसूली की जा रही है। पहले कनेक्शन लेते समय मीटर का मूल्य लिया गया, अब नए स्मार्ट प्रीपेड मीटर का खर्च भी वसूला जाएगा और बाद में बिजली दर बढ़ाकर पूरा खर्च उपभोक्ताओं से लिया जाएगा,” परिषद अध्यक्ष ने चेतावनी दी।

विरोध में प्रस्ताव

अवधेश कुमार वर्मा ने केंद्रीय ऊर्जा सचिव और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर को विरोध प्रस्ताव भेजते हुए इसे उपभोक्ताओं के साथ खुला धोखा करार दिया और इस आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की है।

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