
1. नई परिभाषा क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने तय किया कि अब सिर्फ 100 मीटर या उससे ऊंची पहाड़ियां ही अरावली पर्वतमाला में शामिल होंगी। इससे पहले पांच राज्यों में अलग-अलग नियम थे और कानूनी रूप से सभी पहाड़ियों को समान सुरक्षा नहीं मिलती थी।
2. लोगों में गुस्सा क्यों?
फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के अनुसार, अरावली की लगभग 12,081 पहाड़ियों में से केवल 1,048 ही 100 मीटर से अधिक ऊंची हैं, यानी सिर्फ 8.7%।
इसका मतलब है कि अरावली का लगभग 90% क्षेत्र कानूनी सुरक्षा खो सकता है। इससे छोटे पहाड़ी क्षेत्रों में माइनिंग और अवैध निर्माण बढ़ सकते हैं।
3. माइनिंग पूरी तरह बैन क्यों नहीं है?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूरा प्रतिबंध ठीक काम नहीं करता, क्योंकि इससे अवैध माइनिंग बढ़ जाती है और रेत माफिया सक्रिय हो जाते हैं। इसलिए माइनिंग को कड़े नियमों के साथ जारी रखा गया है, लेकिन नई माइनिंग की मंजूरी फिलहाल नहीं दी गई।
4. अरावली पर्वतमाला का महत्व क्या है?
- थार रेगिस्तान को पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली की ओर फैलने से रोकती है।
- सूखे क्षेत्रों में भूजल रिचार्ज करती है।
- दिल्ली से गुजरात तक फैली (~650 किलोमीटर) पहाड़ियों में नदियों का पानी मिलता है।
- लीड, जिंक, कॉपर, सोना, सैंडस्टोन, मार्बल जैसी धातु और खनिज पाए जाते हैं।
5. अरावली को नुकसान होने पर क्या खमियाजा होगा?
- धूल प्रदूषण बढ़ेगा।
- पानी की कमी और चरम मौसम की स्थिति आएगी।
- वर्षा पैटर्न बदल सकता है और गर्मी का तनाव बढ़ेगा।
- वन्यजीवों के आवास कम होंगे और मानव-पशु संघर्ष बढ़ सकता है।
6. अब तक माइनिंग के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?
- 1990 के दशक में नियम सख्त किए गए।
- 2009 में कुछ जिलों में माइनिंग पर पूरी तरह बैन।
- 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने नई लीज और पुरानी लीज रिन्यू करने पर रोक लगाई।
- सीईसी ने साइंटिफिक मैपिंग, माइक्रो लेवल एनवायरमेंटल इंपैक्ट असेसमेंट और इको सेंसेटिव जोन में माइनिंग रोकने के सुझाव दिए, जिन्हें नवंबर 2025 में कोर्ट ने मंजूरी दी।
- जून 2025 में अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट शुरू हुआ, जिसमें 5 किलोमीटर बफर ज़ोन में ग्रीन कवर बढ़ाया गया।
💡 संक्षेप में:
अरावली पहाड़ियों की नई परिभाषा और माइनिंग के नियम लोगों में इसलिए विवाद पैदा कर रहे हैं क्योंकि इससे बड़ी संख्या में छोटी पहाड़ियां कानूनी सुरक्षा खो सकती हैं, जिससे पर्यावरण, पानी और जीवन पर गंभीर असर पड़ सकता है।