
ताजनगरी आगरा में तैनात 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी सोनम कुमार इन दिनों सोशल मीडिया और जनमानस में चर्चा का विषय बने हुए हैं। कारण है—उनका एक वायरल वीडियो, जिसमें वे कड़कड़ाती ठंड की रात में फुटपाथ पर सो रहे एक जरूरतमंद व्यक्ति को चुपचाप कंबल ओढ़ाते हुए दिखाई देते हैं। बिना किसी प्रचार या दिखावे के किया गया यह मानवीय कार्य लोगों के दिलों को छू गया है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि डीसीपी सिटी सोनम कुमार देर रात गश्त के दौरान सड़क किनारे सो रहे व्यक्ति के पास रुकते हैं, उसे सावधानी से कंबल ओढ़ाते हैं और फिर बिना कुछ कहे वहां से आगे बढ़ जाते हैं। यह दृश्य सामने आते ही सोशल मीडिया पर उनकी जमकर सराहना हो रही है। लोग उन्हें “असली हीरो” और “खाकी में इंसानियत” कहकर संबोधित कर रहे हैं।
नालंदा से आगरा तक का प्रेरणादायक सफर
आईपीएस सोनम कुमार मूल रूप से बिहार के नालंदा जिले के निवासी हैं। उन्होंने दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें अमेरिका की एक प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी मिली, जहाँ वे सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत रहे।
हालांकि, देशसेवा का जज़्बा उन्हें भारत वापस खींच लाया। यूपीएससी की तैयारी शुरू की और वर्ष 2016 में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर आईपीएस बने।
‘सॉफ्टवेयर इंजीनियर IPS’ के नाम से पहचान
इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि के कारण आईपीएस सोनम कुमार पुलिस विभाग में “सॉफ्टवेयर इंजीनियर आईपीएस” और “डिजिटल इनोवेटर” के नाम से भी जाने जाते हैं। आगरा पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी सिटी और डीसीपी ट्रैफिक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए उन्होंने पुलिसिंग को आधुनिक और तकनीकी बनाने की दिशा में कई उल्लेखनीय पहल की हैं।
आईआईटी कानपुर के सहयोग से उनकी टीम ने साइबर अपराध की जानकारी, रोकथाम और जनसुविधा से जुड़े लगभग आठ डिजिटल ऐप विकसित किए हैं, जिससे आम नागरिकों को त्वरित और पारदर्शी सेवाएं मिल रही हैं।
निजी जीवन में भी सादगी और संतुलन
आईपीएस सोनम कुमार का निजी जीवन भी उतना ही प्रेरणादायक है। उन्होंने प्रेम विवाह किया है। उनकी पत्नी हर्षा आगरा की प्रसिद्ध ईएनटी सर्जन हैं। कई वर्षों के प्रेम संबंध के बाद दोनों ने परिजनों की सहमति से विवाह किया।
खाकी में करुणा की तस्वीर
फुटपाथ पर सो रहे व्यक्ति को कंबल ओढ़ाने का यह छोटा-सा लेकिन गहरा संदेश देने वाला कार्य बताता है कि सोनम कुमार केवल एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी ही नहीं, बल्कि संवेदनशील और मानवीय सोच रखने वाले इंसान भी हैं। उनका यह कदम समाज के लिए एक प्रेरणा है कि असली सेवा वही है, जो बिना शोर किए की जाए।