
दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने अधिकारियों के सामने सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि “हमें नेताओं के लिए नहीं, जनता के लिए काम करना चाहिए।” इसी के चलते उन्होंने मौके पर ही झूठ बोल रहे पटवारी सत्येंद्र शर्मा को सस्पेंड करने के निर्देश जारी किए।
कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े 80 किलोमीटर दूर बसई पहुंचे थे, जहाँ सांदीपनी स्कूल में जनसुनवाई चल रही थी। शिकायत मिली थी कि बसई में नाली निर्माण में गड़बड़ी हो रही है। पटवारी सत्येंद्र शर्मा ने दावा किया कि नाली सही है, जबकि अन्य अधिकारी और पुलिस कर्मी इसके विपरीत कह रहे थे। कथित तौर पर पटवारी नेताओं के दबाव में झूठ बोल रहे थे, जिससे कलेक्टर का पारा चढ़ गया।
पावर दिखाकर दिए निर्देश
कलेक्टर ने एसडीएम को स्पष्ट निर्देश दिए कि ऐसे लोग हमारी टीम में नहीं रहने चाहिए। उन्होंने कहा, “इसे सस्पेंड करो और अच्छे अधिकारी को रखें।” तहसीलदार को भी चेतावनी दी गई कि नाली को तुरंत सीधा करवाया जाए, अन्यथा उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
नाली निर्माण की पुरानी शिकायत
बसई में लंबे समय से नाली निर्माण को लेकर विवाद था। मकानों के निर्माण की वजह से नाली को तिरछा बनाना पड़ा था। जुलाई 2025 में भी कलेक्टर ने नाली को सही करने के निर्देश दिए थे। बुधवार को जनसुनवाई में स्थानीय निवासी श्रेया ने आवेदन देकर बताया कि पड़ोसी ने अपने घर की सीमा से आगे बढ़कर अवैध नाली निर्माण किया है।
जनसुनवाई में अधिकांश लोगों ने पटवारी सत्येंद्र शर्मा पर सही काम न करने के आरोप लगाए। इसके बाद कलेक्टर ने मौके पर ही उन्हें सस्पेंड करने का आदेश दिया और विभागीय जांच के लिए भी निर्देश जारी किए। एसडीएम संतोष तिवारी ने आधिकारिक तौर पर निलंबन आदेश जारी कर दिया।
सोशल मीडिया पर कलेक्टर के तेवर और पटवारी के सस्पेंड होने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे लोग प्रशासनिक कर्तव्यनिष्ठा और सख्ती का उदाहरण बता रहे हैं।