
नई दिल्ली: भारत की जानीमानी गेमिंग यूट्यूबर पायल धरे, जिन्हें लोग पायल गेमिंग के नाम से जानते हैं, एक MMS वीडियो को लेकर चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला पायल ही हैं। हालांकि, पायल ने साफ किया कि यह वीडियो उनका नहीं है और यह डीपफेक तकनीक का नतीजा है।
पीएम मोदी से भी मिल चुकी हैं पायल
पायल गेमिंग को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिल चुके हैं। साल 2024 में उन्होंने पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी, जब पीएम ने टॉप भारतीय गेमर्स से मुलाकात की।
क्या कहा पायल ने
पायल ने कहा कि वायरल वीडियो से उनका या उनके परिवार का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने इसे दुखद और अमानवीय बताया और बताया कि इस तरह के डीपफेक वीडियो उनके और उनके परिवार के लिए मानसिक और सामाजिक नुकसान पैदा करते हैं।
डीपफेक वीडियो क्या हैं?
डीपफेक वीडियो में एआई का इस्तेमाल करके किसी फुटेज का चेहरा या शरीर बदला जाता है। ऑडियो को भी पीड़ित की आवाज के अनुसार एडिट किया जा सकता है, जिससे असली और नकली के बीच अंतर समझना मुश्किल हो जाता है। कई बड़े सेलिब्रिटी जैसे आलिया भट्ट, काजोल, रश्मिका मंदाना आदि के डीपफेक वीडियो भी बनाए जा चुके हैं।
सबसे बड़ी चिंता
डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैलते हैं और लोग इन पर भरोसा कर लेते हैं। इससे किसी की इमेज को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। एआई की मदद से ये वीडियो अब बेहद एडवांस और क्लीन बन रहे हैं, जिससे इन्हें सच साबित करना और भी कठिन हो गया है।
पायल गेमिंग का मामला इस बात की ओर भी इशारा करता है कि डिजिटल युग में सेलिब्रिटी और आम लोगों की सुरक्षा के लिए डीपफेक और एआई के दुरुपयोग को रोकना कितना जरूरी है।