
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में धर्मांतरण और अंतिम संस्कार को लेकर उपजा विवाद हिंसक रूप ले बैठा। आमाबेड़ा थाना क्षेत्र के बड़ेतेवड़ा गांव में सरपंच द्वारा अपने पिता का शव खेत में दफनाने के बाद तनाव इतना बढ़ा कि भीड़ ने तीन चर्च और प्रार्थना भवनों को आग के हवाले कर दिया। उग्र भीड़ के पथराव में अंतागढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आशीष बंछोर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
घटना के बाद प्रशासन ने पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है। गांव में नाकेबंदी कर बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
क्या है पूरा मामला
बड़ेतेवड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच रजमन सलाम के पिता चमरा राम सलाम (65) का 14 दिसंबर को इलाज के दौरान निधन हो गया था। अगले दिन 15 दिसंबर को परिजनों ने उनका शव अपने खेत में दफना दिया। ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि धर्मांतरित व्यक्ति का शव गांव के भीतर दफनाया जाना नियमों के विरुद्ध है। इसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ।
सरपंच रजमन सलाम का कहना है कि उन्होंने शव दफनाते समय किसी भी ईसाई रीति-रिवाज का पालन नहीं किया, लेकिन ग्रामीणों का आरोप था कि शव चोरी-छिपे गांव में दफनाया गया और बाहर से कुछ लोग भी इसमें शामिल थे।
कब्र को पक्का किए जाने से बढ़ा आक्रोश
16 दिसंबर को कब्र के ऊपर मठ बनाकर उसे पक्का रूप दिए जाने से ग्रामीणों का गुस्सा और भड़क गया। बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए। पुलिस ने हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने कब्र में तोड़फोड़ शुरू कर दी, जिससे तनाव और बढ़ गया।
17 दिसंबर को हुई हिंसक झड़प
17 दिसंबर को दोनों पक्षों के बीच विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। लाठी-डंडों से हुई झड़प में करीब 25 लोग घायल हो गए। घायलों को आमाबेड़ा अस्पताल लाया गया, जहां से 9 लोगों को कांकेर रेफर किया गया। दो की हालत गंभीर बताई गई।
शव निकाले जाने के बाद भड़की आगजनी
18 दिसंबर को स्थिति को नियंत्रित करने के उद्देश्य से प्रशासन ने बड़ा कदम उठाते हुए कब्र खुदवाकर शव को बाहर निकलवाया और एंबुलेंस से गांव से बाहर भिजवा दिया। इसके कुछ ही देर बाद उग्र भीड़ भड़क उठी।
भीड़ ने पहले बड़ेतेवड़ा में सरपंच के घर स्थित प्रार्थना भवन को आग के हवाले किया। पुलिस के रोकने पर भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया, जिसमें अंतागढ़ एएसपी आशीष बंछोर और दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद भीड़ आमाबेड़ा पहुंची, जहां एक चर्च और एक अन्य प्रार्थना भवन में भी तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई।
स्थिति नियंत्रण में, भारी पुलिस बल तैनात
कलेक्टर कांकेर नीलेश महादेव क्षीरसागर ने बताया कि हालात पर प्रशासन की लगातार नजर है। गांव में पर्याप्त पुलिस बल और अधिकारी तैनात हैं। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन एहतियात के तौर पर नाकेबंदी जारी है।