
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 15 साल की रेप पीड़िता को 27 सप्ताह के गर्भ के गर्भपात की अनुमति दी है। पीड़िता ने अपने पिता के माध्यम से अदालत में याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने कहा कि वह कक्षा 10 की छात्रा है और मार्च 2026 में बोर्ड परीक्षा देनी है।
🔹 कोर्ट का आदेश और मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट
- जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और संदेश पाटिल की अवकाशकालीन पीठ ने याचिका की सुनवाई की।
- कोर्ट ने जे जे अस्पताल के डीन को निर्देश दिया कि वह मेडिकल बोर्ड गठित करके जांच रिपोर्ट पेश करें।
- रिपोर्ट में बताया गया कि पीड़िता का गर्भ 27 सप्ताह और 4 दिन का है।
- मेडिकल बोर्ड ने कहा कि गर्भावस्था जारी रखने से गंभीर शारीरिक और मानसिक पीड़ा होगी। इसके अलावा अवांछित गर्भ के कारण लड़की के मानसिक और शैक्षणिक विकास में भी बाधा आएगी।
🔹 पीड़िता की परिस्थिति
- पीड़िता के पड़ोसी ने जबरन यौन संबंध बनाए।
- वकील स्वप्ना कोडे ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता भावनात्मक, आर्थिक और सामाजिक रूप से बच्चे की देखभाल करने में असमर्थ होगी।
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि लड़की की बौद्धिक क्षमता सीमांत है और गर्भवती रहने से अवसाद, चिंता, PTSD और मनोवैज्ञानिक विकास में व्यवधान हो सकता है।
- पीड़िता के माता-पिता मजदूर हैं और उनकी आर्थिक स्थिति गर्भ के पालन-पोषण के लिए पर्याप्त नहीं है।
🔹 कोर्ट के निर्देश
- जे जे अस्पताल के अधिकारियों को आवश्यक चिकित्सा जांच करने का आदेश।
- बच्चा जीवित जन्म लेने की स्थिति में सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश।
- राज्य सरकार को मनोधैर्य योजना के तहत मुआवज़ा देने के निर्देश।
🔹 महत्वपूर्ण निष्कर्ष
बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि 24 सप्ताह से अधिक के गर्भपात के लिए कोर्ट की अनुमति जरूरी है। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट और पीड़िता की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए अदालत ने गर्भपात की अनुमति दे दी।