
खंडवा: रविवार को जावर थाना क्षेत्र के पेठिया गांव के एक मदरसे से लगभग 20 लाख रुपये मूल्य के नकली नोट बरामद होने के बाद एक बड़े फेक करेंसी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। बरामदगी हाफ़िज़ जुबैर अंसारी के कमरे से हुई, जो पिछले कुछ महीनों से जावर क्षेत्र के मदरसे में रह रहा था।
🔹 विधायक ने मौके पर लिया संज्ञान
- बीजेपी विधायक कंचन मुकेश तनवे स्वयं मौके पर पहुंचीं और नकली नोट बनाने वाले कमरे का निरीक्षण किया।
- उन्होंने प्रशासन को सख्त जांच के निर्देश दिए और कहा कि ऐसे अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।
- मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष राजपाल सिंह तोमर सहित अन्य पदाधिकारी और स्थानीय कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
🔹 ₹50,000 का इनाम का ऐलान
विधायक तनवे ने ग्रामीणों से संवाद करते हुए कहा:
- जो भी व्यक्ति आतंकवाद, देशविरोधी या नकली नोट जैसी अवैध गतिविधियों की जानकारी देगा, उसे वे स्वयं ₹50,000 का इनाम देंगी।
- उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब केवल जुबैर ही नहीं, बल्कि उसके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की जांच की जाएगी।
🔹 देशभक्ति और नागरिक जिम्मेदारी पर जोर
- विधायक ने कहा कि नकली नोट केवल कानून का नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था का भी दुश्मन है।
- उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि यदि किसी के पास गलती से भी नकली नोट हो, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें, ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
🔹 थाना प्रभारी को विशेष निर्देश
- विधायक ने जावर थाना प्रभारी को निर्देश दिए कि यह पता लगाया जाए कि जुबैर पेठिया कब आया और किसने बुलाया।
- इसके साथ ही जिलेभर के सभी मदरसों की भी जांच सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए, ताकि कहीं और ऐसी गतिविधियाँ न चल रही हों।
🔹 पिछला मामला और वर्तमान स्थिति
- जुबैर अंसारी को 30 अक्टूबर को मालेगांव पुलिस ने ₹10 लाख नकली नोटों के साथ पकड़ा था।
- जांच में यह खुलासा हुआ कि नकली नोट मालेगांव, बुरहानपुर और खंडवा तक फैले नेटवर्क से जुड़े हैं।
- बुरहानपुर के डॉक्टर प्रतीक नवलखे का नाम भी सामने आया है, जिसकी तलाश में संयुक्त पुलिस टीमें जुटी हैं।
- जुबैर अंसारी को स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे 13 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
निष्कर्ष:
खंडवा में नकली नोट कांड ने प्रशासन और लोगों की संवेदनशीलता को झकझोर दिया है। विधायक कंचन तनवे की तत्काल कार्रवाई और इनाम की घोषणा से यह संदेश गया कि इस तरह की अवैध गतिविधियों के खिलाफ कोई समझौता नहीं होगा और ग्रामीणों की जागरूकता इस लड़ाई में अहम भूमिका निभाएगी।