गौ सेवा, संवर्धन और सुरक्षा के लिए आम जनता को आगे आना होगा – स्वामी कृष्णानंद महाराज

 

देशी गायों का संरक्षण नहीं किया गया तो भारत बनेगा कैंसर जैसी बीमारियों का केंद्र
– पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज, संरक्षक, राष्ट्रीय गौ सेवा संघ भारत

उज्जैन/खाचरोद, 10 अप्रैल (एसडी न्यूज एजेंसी)।
गौ सेवा, संरक्षण और संवर्धन के उद्देश्य से जगत जननी भगवती मां बगलामुखी सिद्ध पीठ, ग्राम चौकी, तहसील खाचरोद के श्री श्री 1008 परम पूज्य गुरुदेव स्वामी पीठाधीश्वर कृष्णानंद महाराज ने गुड़ी पड़वा के अवसर पर पदयात्रा का शुभारंभ किया। यह पदयात्रा मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में जाकर गौ सेवा हेतु जनजागरण का कार्य करेगी।

गाय – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का आधार

एक विशेष मुलाकात में स्वामी कृष्णानंद जी ने कहा कि, “जो समाज गायों की उपेक्षा करता है, वह कभी भी उन्नति नहीं कर सकता। गौमाता मनुष्य जीवन के चारों पुरुषार्थ – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की आधारशिला हैं।”

राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन

स्वामी कृष्णानंद जी राष्ट्रीय गौ सेवा संघ के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर गौ सेवा, सुरक्षा और संवर्धन का आंदोलन चला रहे हैं। हाल ही में वे तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने जावरा के समीप स्थित गौशाला से 544 गायों के लापता होने के मुद्दे को लेकर संतों के साथ सामूहिक मुंडन कर विरोध जताया था और हिमालय प्रस्थान की चेतावनी दी थी। बाद में संत समाज, अनुयायियों और सामाजिक संगठनों के आग्रह पर उन्होंने अपना निर्णय स्थगित किया।

गौ सेवा के नाम पर फर्जीवाड़ा

उन्होंने चेताया कि, “आजकल कुछ फर्जी एवं असामाजिक तत्व गौ सेवा की आड़ में सरकारी अनुदान लेकर बड़े घोटाले कर रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान और उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।”

रोगों का बढ़ता खतरा

स्वामी कृष्णानंद जी ने बताया कि वर्तमान समय में भारत का मध्यम वर्ग हाइपरटेंशन, शुगर, कैंसर, लिवर और किडनी की बीमारियों की चपेट में है। यदि गौ आधारित जैविक कृषि को बढ़ावा नहीं दिया गया, तो भारत आने वाले समय में कैंसर की राजधानी बन जाएगा।

उन्होंने बताया कि देश में रासायनिक कीटनाशकों और जहरीले निंदानाशकों के अत्यधिक उपयोग से कृषि उत्पाद जहरीले हो गए हैं, जो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का प्रमुख कारण बन रहे हैं। इसका समाधान गोबर से बनी कंपोस्ट खाद के व्यापक उपयोग में है।

बगलामुखी धाम बना अनुकरणीय उदाहरण

खाचरोद स्थित बगलामुखी धाम की गौशाला को गौ संवर्धन का आदर्श मॉडल बताते हुए उन्होंने कहा कि वहां गौमाता के आहार, भंडारण और हरे चारे के उत्पादन की समुचित व्यवस्था की गई है। यह एक सर्वसुविधायुक्त गोशाला है, जिससे प्रेरणा ली जानी चाहिए।

उन्होंने अंत में कहा – “यदि देश की युवा पीढ़ी को स्वस्थ भविष्य देना है, तो गौ माता को बचाना और जैविक खेती को बढ़ावा देना नितांत आवश्यक है।”

– अंतिम युद्ध / राधेगुरु मोकड़ी

 


Discover more from SD NEWS AGENCY

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Discover more from SD NEWS AGENCY

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading