
गाजीपुर (अमितेश सिंह): उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक फर्जी हत्या के आरोप ने पूरे परिवार को हत्यारे की कतार में खड़ा कर दिया था। लेकिन पुलिस की सतर्कता से सच सामने आया। सादात थाना क्षेत्र के बरहपार भोजूराय गांव की राजवंती देवी ने अपनी बेटी रुचि की हत्या का आरोप ससुरालवालों पर लगाया था।
🔹 मामला और फर्जी आरोप
22 सितंबर को राजवंती देवी ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर दावा किया कि उसके पति राजेंद्र कुमार, ससुर फूलचंद, सास कमली, देवर मुन्ना, ननद रेनू और एक अन्य ने दहेज के लिए रुचि को मार डाला और शव गुम कर दिया।
इसके बाद गाजीपुर एसपी के निर्देश पर 3 अक्टूबर को दहेज हत्या समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच सीओ रामकृष्ण तिवारी को सौंपी गई।
🔹 पुलिस ने सच का पता लगाया
जांच में पुलिस ने सर्विलांस और बैंक स्टेटमेंट का सहारा लिया। रुचि का पुराना मोबाइल नंबर एक्टिव मिला और उसकी लोकेशन मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के रेवई गांव में ट्रेस हुई।
पुलिस टीम वहां पहुंची तो रुचि अपने प्रेमी गजेंद्र के साथ जिंदा मिली। रुचि ने बताया कि उसकी मर्जी के खिलाफ 6 जून 2023 को राजेंद्र से शादी हुई थी। परीक्षा के दौरान उसने गजेंद्र से बातचीत शुरू की और दोनों में प्यार हो गया। शादी के बाद भी संपर्क बना रहा। अंततः रुचि ने अपने प्रेमी के साथ भागकर शादी कर ली।
🔹 कानूनी कार्रवाई और राहत
डॉक्टरी परीक्षण के बाद रुचि को सकुशल बरामद घोषित किया गया। सीओ तिवारी ने कहा कि मां का आरोप पूरी तरह झूठा था। फर्जी मुकदमा दर्ज कराने के लिए राजवंती के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ससुराल वाले अब राहत की सांस ले रहे हैं।
पुलिस मामले के सभी पहलुओं की अलग-अलग जांच कर रही है।