
वाराणसी: बनारस में हाइड्रोजन इंजन से चलने वाले पहले लग्जरी क्रूज का संचालन सिर्फ 6 दिन ही चल सका। बीते 11 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनेवाल द्वारा उद्घाटन किए गए इस क्रूज को गंगा नदी में एक नाव से टक्कर लगने के बाद सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया।
क्रूज का संचालन करने वाली कंपनी ने आरोप लगाया है कि स्थानीय नाव वाले ने जानबूझकर क्रूज में टक्कर मारी। आदमपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है और क्रूज पर लगे सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मुहैया कराए गए हैं।
घटना की पूरी जानकारी
इंडियन वाटरवेज की तरफ से देश की पहली हाइड्रोजन इंजन वाली क्रूज को एक निजी संस्था को संचालन के लिए दिया गया था। यह क्रूज नमो घाट से रविदास घाट तक चला करती थी। मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे, जब क्रूज रामनगर पोर्ट से ईंधन लेकर नमो घाट की ओर आ रही थी, तभी एक नाव ने जानबूझकर इसमें टक्कर मार दी। टक्कर से क्रूज के फ्यूल टैंक के एक हिस्से को काफी नुकसान हुआ और संचालन को रोकना पड़ा।
क्रूज के प्रमुख विभूतिपति तिवारी ने बताया कि घटना पूरी तरह क्रूज पर लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। टक्कर के कारण वेसल में जबरदस्त नुकसान हुआ है, इसलिए अब संचालन को रोकना अनिवार्य हो गया।
पुलिस जांच में जुटी
आदमपुर थाना प्रभारी ने बताया कि नाविक की पहचान की जा रही है और एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर टक्कर मारने वाले नाव की पहचान कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न सिर्फ क्रूज संचालन कंपनी के लिए चुनौती बन गई है, बल्कि गंगा में सुरक्षा मानकों और नाविकों की जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े कर रही है।