
लखनऊ/अभय सिंह राठौड़: उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण युवाओं के लिए एक बड़ा और दूरदर्शी कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की 11,350 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जा रही हैं। इस पहल से गांवों के छात्र अब उच्चस्तरीय शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए शहरों पर निर्भर नहीं रहेंगे।
प्रत्येक डिजिटल लाइब्रेरी पर खर्च होंगे 4 लाख रुपये
योजना के तहत हर लाइब्रेरी में लगभग 4 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें 2 लाख रुपये की पुस्तकों की व्यवस्था, 1.30 लाख रुपये के आईटी उपकरण और 70 हजार रुपये का आधुनिक फर्नीचर शामिल होगा। लाइब्रेरी में ई-बुक्स, वीडियो लेक्चर, ऑडियो कंटेंट, क्विज और करीब 20 हजार डिजिटल शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध रहेगी।
ग्राम प्रधान और सचिव करेंगे संचालन
पंचायतीराज निदेशक अमित कुमार सिंह ने बताया कि डिजिटल लाइब्रेरी का प्रबंधन ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव द्वारा किया जाएगा। नियमित देखरेख के लिए सहायक अधिकारी तैनात रहेंगे। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को सुधारने, रोजगार और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए युवाओं को सक्षम बनाने में मदद करेगी।
35 जिलों में लाइब्रेरी का संचालन जल्द
सरकार ने 35 जिलों में पुस्तकों का चयन कार्य पूरा कर लिया है। राजधानी लखनऊ सहित इन जिलों की ग्राम पंचायतों में जल्द ही डिजिटल लाइब्रेरी का संचालन शुरू होगा। योजना के तहत अमरोहा, आजमगढ़, बांदा, बलिया, बागपत, बदायूं, बरेली, बिजनौर, चित्रकूट, एटा, फतेहपुर, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गाजीपुर, हरदोई, हापुड़, जालौन, कानपुर देहात, कन्नौज, कौशाम्बी, कासगंज, लखनऊ, मऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, सम्भल, शामली, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, सुल्तानपुर, सीतापुर जिलों में डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाएगी।
ग्रामीण युवाओं को मिलेगा डिजिटल सशक्तिकरण
योगी सरकार का मानना है कि यह पहल विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में ग्रामीण प्रतिभाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने का मजबूत माध्यम बनेगी।