
पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में रोडरेज की एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने शहर की कानून-व्यवस्था और सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महज एक मामूली टक्कर के बाद बाइक सवार तीन युवकों ने 28 वर्षीय युवती और उसके मंगेतर का पीछा कर उनकी कार पर बर्बर हमला कर दिया। इस हिंसक वारदात में युवती की आंख में गंभीर चोट आई, जिसके चलते उसकी इमरजेंसी सर्जरी करानी पड़ी। एक सप्ताह से अधिक समय बीतने के बावजूद पीड़िता की आंखों की रोशनी अब तक वापस नहीं आई है।
मामूली कहासुनी से हिंसक हमला
एफआईआर के मुताबिक, 6 दिसंबर को पूजा गुप्ता अपने मंगेतर के साथ कार से मुंबई लौट रही थीं। पुणे के पास एक अंडरपास के समीप उनकी कार अनजाने में एक दोपहिया वाहन पर सवार युवक के पैर को छू गई। इस घटना में किसी को चोट नहीं लगी, लेकिन बाइक सवार युवकों ने गाली-गलौज शुरू कर दी।
आरोप है कि गुस्से में आकर हमलावरों में से एक ने कार की फ्रंट विंडस्क्रीन पर पत्थर फेंक दिया, जिससे शीशा चकनाचूर हो गया। भयभीत दंपति वहां से निकलने लगे, लेकिन आगे ट्रैफिक जाम में फंस गए।
पीछा कर तोड़ी कार की खिड़कियां
इसी दौरान हमलावर दोबारा पहुंचे और कार की साइड और पीछे की विंडस्क्रीन भी तोड़ डाली। टूटे हुए कांच का एक तेज टुकड़ा पूजा गुप्ता की बाईं आंख में जा लगा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं।
आंख की इमरजेंसी सर्जरी, रोशनी अब भी नहीं लौटी
घटना के तुरंत बाद पूजा को चिंचवड के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी आंख की रोशनी बचाने के लिए आपातकालीन सर्जरी की। पीड़िता के अनुसार, डॉक्टरों ने पहले एक ही सर्जरी को पर्याप्त बताया था, लेकिन आंख में खून जमा होने के कारण अभी तक दृष्टि वापस नहीं आई है। यदि सुधार नहीं हुआ तो दूसरी सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
मामले में पुलिस ने बीएनएस की धाराएं 126(2), 125, 125(ए), 324(4) और 352 के तहत एफआईआर दर्ज की है। हालांकि, आरोपियों को नोटिस देकर छोड़ दिए जाने की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। पीड़िता और उसके परिजनों का कहना है कि इतनी गंभीर चोट और स्थायी नुकसान की आशंका के बावजूद हल्की धाराओं में केस दर्ज करना न्याय के साथ मजाक है।
शहर में दहशत, सख्त कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद पुणे में लोगों के बीच डर और आक्रोश का माहौल है। नागरिकों ने रोडरेज जैसी घटनाओं पर सख्त कानून और त्वरित कार्रवाई की मांग की है, ताकि सड़क पर मामूली विवाद किसी की जिंदगी तबाह न कर सके।