
पटना (रमाकांत चंदन): बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का शोर पूरी तरह थमा भी नहीं था कि अब राज्य में ‘कौन बनेगा एमएलसी’ की चर्चा जोर पकड़ चुकी है। 28 जून 2026 को 9 एमएलसी का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा, वहीं एक अतिरिक्त एमएलसी सीट पर उप चुनाव भी होंगे।
कौन-कौन हैं उम्मीदवार
विधायकों की संख्या के आधार पर यह तय हो गया है कि इन 9 रिक्त एमएलसी पदों में चार सीटें बीजेपी, चार जदयू और एक सीट राजद को मिलेगी। कार्यकाल समाप्त हो रहे एमएलसी में शामिल हैं:
- जदयू: डॉ. कुमुद वर्मा, प्रो. गुलाम गौस, भीसम साहनी, श्रीभगवान सिंह कुशवाहा
- बीजेपी: संजय प्रकाश, सम्राट चौधरी
- राजद: मो. फारुक, डॉ. सुनिल कुमार सिंह
- कांग्रेस: डॉ. समीर कुमार सिंह
उप चुनाव में कौन बन सकता है एमएलसी?
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के सिवान से विधायक बनने के बाद उनकी एमएलसी सीट रिक्त हो गई। इस उप चुनाव में चर्चा है कि रालोमो से मंत्री बने दीपक प्रकाश को एमएलसी बनाया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मंत्री बने रहने के लिए छह माह के भीतर किसी सदन का सदस्य होना आवश्यक है।
बीजेपी में पहले से शुरू हुई चर्चाएँ
भले ही रिक्त सीटों पर चुनाव में अभी समय है, लेकिन बीजेपी में दावेदारों की चर्चा पहले से तेज हो गई है। पार्टी के पास फिलहाल 89 विधायक हैं, जिसके आधार पर चार एमएलसी चुने जा सकते हैं। जातीय संतुलन के अनुसार कुर्मी, ब्राह्मण और राजपूत जातियों के नेता इसमें प्राथमिक दावेदार माने जा रहे हैं। अतिपिछड़ा वर्ग से भी एक एमएलसी भेजे जाने की संभावना है।
अन्य पार्टियों की स्थिति
जदयू को चार एमएलसी भेजने हैं, पर चर्चा अभी प्रारंभ नहीं हुई है। राजद अभी हार के सदमे से बाहर निकल ही नहीं पाया है।
राजनीतिक गलियारों में एमएलसी चुनाव की यह सेटिंग अगले महीनों में और तेज़ होने की संभावना है, जो बिहार की आगामी राजनीति के लिए महत्वपूर्ण संकेत दे रही है।