
नई दिल्ली – शंखपुष्पी के नाम से भी मशहूर अपराजिता का पौधा अपने सुंदर नीले और सफेद फूलों से हर बगीचे की शोभा बढ़ाता है। लेकिन सर्दियों या पोषण की कमी में पौधा झड़ने लगता है और फूलों की संख्या कम हो जाती है। गार्डनिंग एक्सपर्ट्स ने इसके लिए कुछ आसान, सस्ते और प्रभावी जैविक उपाय बताए हैं, जिनसे आपका पौधा फिर से हरा-भरा हो जाएगा और फूलों से भर जाएगा।
1. मस्टर्ड केक – पौधे का सुपरफूड
सरसों की खली यानि मस्टर्ड केक नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम का बेहतरीन स्रोत है, जो फूलों के उत्पादन को बढ़ाता है। गमले की मिट्टी की अच्छी तरह गुड़ाई करने के बाद एक चम्मच मस्टर्ड केक का पाउडर डालें। चाहें तो एक गिलास पानी में मस्टर्ड केक मिलाकर 24 घंटे रख दें, फिर इसे पतला करके पौधे की मिट्टी में डालें। इससे पौधे को लंबी अवधि तक पोषण मिलेगा और फूलों की चमक बढ़ेगी।
2. एप्सम सॉल्ट – हरी पत्तियों का जादू
अपराजिता की पत्तियां पीली पड़ रही हैं तो यह मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकता है। 1-2 छोटी चम्मच एप्सम सॉल्ट मिट्टी में डालें या लिक्विड फर्टिलाइजर के रूप में दें। इससे क्लोरोफिल का उत्पादन बढ़ेगा और पत्तियां फिर से हरी-भरी हो जाएंगी।
3. हल्दी – फंगस और बीमारियों से सुरक्षा
बरसात और सर्दी में मिट्टी जनित फंगस और बीमारियों का खतरा रहता है। दो चम्मच हल्दी पाउडर मिट्टी में मिलाने से पौधा प्राकृतिक सुरक्षा कवच पा लेता है।
4. चायपत्ती का घोल – मुफ्त और पोषक तत्वों से भरपूर
ताजी या इस्तेमाल की हुई चायपत्ती पौधे के लिए मुफ्त और प्रभावी खाद है। एक चम्मच चायपत्ती को एक गिलास पानी में 24 घंटे के लिए भिगो दें। अगले दिन इसे छानकर मिट्टी में डालें या पत्तियों पर स्प्रे करें। हफ्ते में एक बार स्प्रे करने से पौधे को बेहतरीन परिणाम मिलेंगे।
माली के टिप्स
- मस्टर्ड केक: 15-20 दिनों में एक बार
- एप्सम सॉल्ट: महीने में एक बार जरूरत के अनुसार
- हल्दी पाउडर: महीने में एक बार या फंगस के लक्षण दिखने पर
- चायपत्ती का पानी: 7-10 दिन में एक बार
इन आसान उपायों से आपका अपराजिता का पौधा जल्द ही हरा-भरा हो जाएगा और नीले-नीले फूलों से बगीचे की शोभा बढ़ाएगा।
नोट: यह लेख यूट्यूब और इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। एनबीटी इसकी सटीकता की जिम्मेदारी नहीं लेता।