
उज्जैन (संजय चतुर्वेदी) – मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में गर्भगृह के द्वारों में 20 साल बाद बड़ा बदलाव किया गया है। रविवार को विधिपूर्वक संध्या आरती के दौरान मंदिर के गर्भगृह में 25 किलो चांदी के नए द्वार स्थापित किए गए।
महाकाल मंदिर के पुजारी भूषण व्यास ने बताया कि पुराने द्वारों को बदलकर नए द्वार लगाए गए हैं। इन द्वारों का निर्माण जयपुर के कुशल कारीगरों द्वारा किया गया है और गर्भगृह के आंतरिक एवं बाहरी पत्थर के परिसर के अनुरूप द्वारों की माप तैयार की गई।
भक्त का विशेष योगदान
नई चांदी के द्वार को कोलकाता की भक्त निभा प्रकाश ने बनवाया है। लकड़ी पर चांदी की मढ़ाई कराकर तैयार किए गए इस द्वार का विधिपूर्वक पूजन मंदिर के सभामंडप में किया गया, उसके बाद इसे गर्भगृह के बाहर स्थापित किया गया। बाजार भाव के अनुसार, दोनों द्वारों की अनुमानित कीमत 50 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है।
द्वार पर उकेरी गई धार्मिक आकृतियां
मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक आशीष फलवाड़िया ने बताया कि द्वार के शीर्ष भाग पर दो नंदी की आकृतियां उकेरी गई हैं। इसके नीचे ॐ और त्रिशूल, तथा सबसे निचले हिस्से में कलश की आकृति बनाई गई है। यह द्वार भक्तों की भक्ति और मंदिर में नियमित दानों का प्रतीक भी है।
महाकाल मंदिर में हाल ही में एक और महत्वपूर्ण दान भी हुआ था। करीब चार महीने पहले, यूपी के गाजियाबाद के भक्त सुनील कुमार यादव ने बाबा महाकाल को सवा किलो चांदी का मुकुट भेंट किया था।
इस नए द्वार और अन्य भव्य सजावटों से महाकाल मंदिर की गरिमा और भव्यता और भी बढ़ गई है, जो हजारों भक्तों के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र बना रहेगा।