
अमेरिका में रहने वाले भारतीयों में तब अफरा-तफरी मच गई, जब उन्हें कथित तौर पर एक ईमेल मिला। इस ईमेल में बताया गया कि टेम्पररी वर्किंग वीजा ‘एहतियातन रद्द’ कर दिया गया है।
भारत में पहले ही H-1B वीजा इंटरव्यू टाले जा चुके हैं। अब अमेरिका में H-1B और H-4 वीजा धारकों को दूतावास से यह सूचना मिली। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब अमेरिकी प्रशासन ने आवेदकों की सोशल मीडिया जांच बढ़ाने की नई स्कीम लागू की है। इस स्कीम को पहले अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर लागू किया जा चुका था।
विशेषज्ञ की राय
इमिग्रेशन अटॉर्नी एमिली न्यूमैन के मुताबिक, प्रूडेंशियल वीजा रद्द करना सावधानी के तौर पर अस्थायी कदम है और इसका मतलब वीजा का स्थायी रूप से रद्द होना नहीं है। कई मामलों में यह उन आवेदकों पर भी लागू हुआ है जिनका पहले कानून प्रवर्तन एजेंसियों से संपर्क हुआ था, लेकिन कोई सजा नहीं हुई।
कानूनी स्थिति पर असर नहीं
टेक्सास के ह्यूस्टन के वकील के मुताबिक, वीजा रद्द होने से अमेरिका में किसी व्यक्ति की कानूनी स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसका मतलब है कि आवेदक की अगली वीजा अपॉइंटमेंट पर मामले की दोबारा जांच की जाएगी।
लगातार चल रही प्रक्रिया
वकील के अनुसार, यह समझना मुश्किल है कि सरकार का संसाधनों का उपयोग कितना कुशल है, क्योंकि इन मामलों की जांच पहले ही हो चुकी थी। न्यूमैन ने बताया कि वीजा स्क्रीनिंग एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है और अमेरिकी विदेश विभाग ने पहले ही घोषणा की थी कि H-1B और आश्रित वीजा धारकों की सोशल मीडिया जांच शुरू की जाएगी।
एहतियात के तौर पर उठाया गया कदम
ह्यूस्टन स्थित इमिग्रेशन लॉ फर्म रेड्डी न्यूमैन ब्राउन PC ने बताया कि प्रूडेंशियल वीजा रद्द करना अस्थायी और सावधानीपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य ऐसे मामलों की पहचान करना है, जहां वीजा धारक की योग्यता पर संदेह हो, लेकिन कोई अंतिम निष्कर्ष अभी नहीं निकला है। इस दौरान US में रहने वाले व्यक्ति की कानूनी स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ता; वे तब तक रह सकते हैं जब तक उनका वीजा स्वाभाविक रूप से समाप्त न हो जाए।
नोट: यह कदम केवल एहतियात के लिए है और स्थायी प्रतिबंध नहीं।