
नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता अक्षय खन्ना इन दिनों फिल्म ‘धुरंधर’ के कारण चर्चा में हैं। फिल्म में उनकी दमदार एक्टिंग को दर्शकों और क्रिटिक्स की खूब तारीफ मिल रही है। लेकिन अपने करियर और लाइमलाइट से दूर रहते हुए, अक्षय ने हाल ही में अपने टीनेज के दर्दनाक अनुभव को भी साझा किया।
19 साल की उम्र में झड़े बालों ने तोड़ा आत्मविश्वास
अक्षय ने मिड-डे से बातचीत में बताया कि मात्र 19 साल की उम्र में उनके बाल झड़ने लगे थे, जिससे उनका आत्मविश्वास पूरी तरह से हिल गया। उन्होंने कहा, “यह बेहद दुखद होता है। मानसिक रूप से ये समस्या आपको तोड़ सकती है।”
उन्होंने अपने अनुभव को समझाने के लिए कहा, “यह बिल्कुल ऐसा था जैसे किसी पियानोवादक की उंगलियां चली गई हों। जब तक आप इसे पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर लेते, यह आपको परेशान करता रहता है।”
एक्टर के रूप में रूप-रंग का महत्व
अक्षय ने आगे कहा, “एक एक्टर के रूप में आपका रूप-रंग बहुत महत्वपूर्ण होता है। बालों का झड़ना सिर्फ दिखावे की बात नहीं थी, बल्कि मेरी पहचान का सवाल बन गया। युवा उम्र में जब आप फिल्मों में कदम रखने की तैयारी कर रहे होते हैं, अवसरों के खोने और लोगों की राय के दबाव का डर सताने लगता है।”
मानसिक और भावनात्मक असर
उन्होंने खुलासा किया कि बालों का झड़ना उनके लिए सिर्फ शारीरिक बदलाव नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक चुनौती था। “19-20 साल की उम्र में यह बेहद दुखद होता है। यह दिल दहला देने वाला होता है और आत्मविश्वास को तोड़ सकता है,” अक्षय ने कहा।
अब सफलता और स्वीकृति
आज अक्षय खन्ना अपनी एक्टिंग और प्रतिभा के लिए सराहे जा रहे हैं। अपने शुरुआती संघर्षों और व्यक्तिगत चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने यह साबित किया है कि कड़ी मेहनत, धैर्य और आत्म-स्वीकृति से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
अक्षय खन्ना की कहानी यह याद दिलाती है कि सफलता केवल दिखावे या रूप-रंग से नहीं आती, बल्कि अंतर्निहित संघर्ष और आत्मविश्वास से बनती है। उनके अनुभव युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, जो अपनी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।