
उत्तर प्रदेश भाजपा को जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महाराजगंज से सात बार के सांसद पंकज चौधरी ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रस्तावक बनने के साथ ही उनका निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है। इसी बीच पंकज चौधरी की संपत्ति को लेकर लोगों में खासा उत्सुकता देखी जा रही है।
राजनीति में लंबा अनुभव रखने वाले पंकज चौधरी एक सफल उद्योगपति भी हैं। वे आयुर्वेदिक तेल ‘राहत रूह’ बनाने वाली प्रसिद्ध कंपनी हरबंशराम भगवानदास के मालिक हैं और कुर्मी समाज के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं।
41.90 करोड़ से अधिक की संपत्ति
2024 के लोकसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे के अनुसार पंकज चौधरी की कुल संपत्ति 41 करोड़ 90 लाख 10 हजार 509 रुपये है। इसमें करीब 36 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और 5 करोड़ से अधिक की चल संपत्ति शामिल है। वहीं, उनके ऊपर 3 करोड़ 82 लाख 47 हजार 129 रुपये का कर्ज भी दर्ज है।
बैंकों में 98 लाख से ज्यादा जमा
चल संपत्ति की बात करें तो पंकज चौधरी के पास 57,825 रुपये नकद हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास 1,04,815 रुपये नगद दर्ज हैं। पीएनबी, फेडरल बैंक, एसबीआई सहित विभिन्न बैंकों में उनके 98 लाख रुपये से अधिक जमा हैं। इसके अलावा उनके पास 28.13 लाख रुपये के शेयर और बॉन्ड, तथा 26 लाख रुपये से अधिक का निवेश पोस्ट ऑफिस और एनएसएस में है। आभूषणों की बात करें तो उनके पास 50 लाख रुपये से अधिक कीमत के सोने-चांदी के गहने हैं।
गोरखपुर में करोड़ों की संपत्ति
अचल संपत्तियों में पंकज चौधरी के पास 9.39 करोड़ रुपये से अधिक की गैर-कृषि भूमि, 5 करोड़ से ज्यादा की एक व्यावसायिक इमारत, और 18.89 करोड़ रुपये का आवासीय भवन है। यह सभी संपत्तियां गोरखपुर में स्थित हैं।
3 करोड़ से ज्यादा का लोन
हलफनामे के मुताबिक पंकज चौधरी ने विभिन्न बैंकों से 3 करोड़ 23 लाख 40 हजार रुपये का ऋण लिया हुआ है। इसके अलावा अलग-अलग लोगों के प्रति 47 लाख रुपये से अधिक की देनदारी भी दर्ज है।
संपत्ति में लगातार बढ़ोतरी
पंकज चौधरी की संपत्ति में बीते दो दशकों में लगातार इजाफा हुआ है।
- 2004 में संपत्ति: 1.47 करोड़ रुपये
- 2009 में: 4.37 करोड़ रुपये
- 2014 में: 19.18 करोड़ रुपये
- 2019 में: 37.18 करोड़ रुपये
- 2024 में: 41.90 करोड़ रुपये
प्रदेश भाजपा की कमान संभालने जा रहे पंकज चौधरी न सिर्फ संगठनात्मक अनुभव रखते हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी वे प्रदेश के संपन्न नेताओं में गिने जाते हैं। उनकी ताजपोशी के साथ ही यूपी भाजपा में एक नए संगठनात्मक और राजनीतिक दौर की शुरुआत मानी जा रही है।