
अररिया।
देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से शनिवार को बिहार के अररिया जिले में इंडो–नेपाल सीमा स्थित जोगबनी बॉर्डर पर ‘रन फॉर यूनिटी’ का भव्य आयोजन किया गया। एसएसबी की 56वीं बटालियन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में एसएसबी के जवानों और अधिकारियों के साथ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों तथा हजारों की संख्या में आम नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। खास बात यह रही कि सीमा पार नेपाल में रह रहे भारतीय नागरिकों ने भी इस दौड़ में सहभागिता निभाई।
जोगबनी बीसीपी गेट से आईसीपी गेट तक लगभग छह किलोमीटर की दूरी के लिए आयोजित इस दौड़ में स्कूली बच्चों, युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। आयोजन से पूर्व पूरे जोगबनी नगर क्षेत्र को आकर्षक ढंग से सजाया गया। शहर में जगह-जगह तोरण द्वार लगाए गए, राष्ट्रध्वज फहराए गए और दौड़ मार्ग पर विशेष साफ-सफाई की व्यवस्था की गई।
संयुक्त रूप से किया गया शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ बीसीपी गेट पर एसएसबी 56वीं बटालियन के कमांडेंट शाश्वत कुमार, एसपी अंजनी कुमार, जोगबनी नगर परिषद की मुख्य पार्षद रानी देवी और नरपतगंज विधायक देवयंती यादव ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। दौड़ का समापन इंडियन चेक पोस्ट परिसर में हुआ, जहां प्रतिभागियों को एसएसबी और प्रशासनिक अधिकारियों ने संबोधित किया।
सीमा सुरक्षा और नागरिक समन्वय पर जोर
इस मौके पर नरपतगंज विधायक देवयंती यादव ने कहा कि भारत–नेपाल सीमा पर एसएसबी की तैनाती से सीमावर्ती क्षेत्र सुरक्षित है। हमारे जवान दिन-रात सीमा की सुरक्षा में लगे रहते हैं और ऐसे कार्यक्रमों से एसएसबी तथा आम नागरिकों के बीच समन्वय और विश्वास मजबूत होता है।
एसपी अंजनी कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा का हिस्सा है। यहां इस तरह के आयोजन देश की एकता और अखंडता के प्रति लोगों में देशभक्ति की भावना को मजबूत करते हैं और यह संदेश देते हैं कि सुरक्षा एजेंसियां जनता की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर हैं।
सामाजिक जागरूकता का भी संदेश
एसएसबी 56वीं बटालियन के कमांडेंट शाश्वत कुमार ने कहा कि ‘रन फॉर यूनिटी’ केवल दौड़ का आयोजन नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य राष्ट्रभक्ति के साथ-साथ सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाना भी है। इस रैली के माध्यम से नशा मुक्ति, बाल विवाह और तस्करी जैसे गंभीर मुद्दों पर समाज को जागरूक करने का प्रयास किया गया।
इंडो–नेपाल सीमा पर आयोजित यह कार्यक्रम देशभक्ति, सामाजिक एकता और नागरिक–सुरक्षा बलों के बीच मजबूत होते रिश्तों का जीवंत उदाहरण बनकर सामने आया।