
हापुड़।
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में शुक्रवार देर रात प्रशासन और आमजन के बीच संवेदना और भरोसे का एक भावुक दृश्य देखने को मिला। रेलवे रोड स्थित रैन बसेरे के औचक निरीक्षण पर पहुंचे जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने वहां मौजूद निराश्रित बच्चों के साथ ऐसा पल साझा किया, जिसने सभी का दिल जीत लिया। रैन बसेरे के बाहर खड़े कुछ बच्चों पर डीएम की नजर पड़ी। इनमें से एक बच्चे के हाथ में केक देखकर उन्होंने रुककर उससे बातचीत की।
जब बच्चे ने मासूमियत से बताया कि आज उसका जन्मदिन है, तो डीएम अभिषेक पांडेय ने बिना किसी औपचारिकता के वहीं उसका जन्मदिन मनाने का निर्णय लिया। मौके पर मौजूद अधिकारियों को बुलाया गया, केक कटवाया गया और बच्चों के साथ खुशियां साझा की गईं। देर रात रैन बसेरे के बाहर हुआ यह छोटा-सा आयोजन बच्चों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं था।
मुस्कान बनी सबसे बड़ी पहचान
जन्मदिन के दौरान बच्चों के चेहरों पर आई मुस्कान उस पल की सबसे बड़ी पहचान बन गई। बच्चों ने डीएम के साथ हंसी-मजाक किया, सेल्फी ली और कुछ देर के लिए अपने संघर्षों को भूलकर जश्न में डूब गए। यह दृश्य देखकर वहां से गुजर रहे राहगीर और आसपास मौजूद लोग भी भावुक हो उठे। कई लोगों ने इसे प्रशासन का संवेदनशील और मानवीय चेहरा बताया।
इस अवसर पर डीएम अभिषेक पांडेय ने कहा कि प्रशासन का दायित्व केवल आदेश देने और निरीक्षण तक सीमित नहीं है। समाज के सबसे कमजोर वर्ग से जुड़ना और उनकी पीड़ा को समझना भी उतना ही आवश्यक है। उन्होंने रैन बसेरे में ठहरे लोगों की सुविधाओं का भी निरीक्षण किया और साफ-सफाई, सुरक्षा, रोशनी तथा अन्य मूलभूत व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
सोशल मीडिया पर हो रही सराहना
डीएम की इस पहल की सोशल मीडिया पर भी जमकर चर्चा हो रही है। जन्मदिन मनाने का वीडियो वायरल होने के बाद लोग इसे एक छोटा लेकिन गहरा असर छोड़ने वाला कदम बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे मानवीय क्षण न केवल बच्चों के जीवन में खुशियां भरते हैं, बल्कि समाज में प्रशासन के प्रति भरोसा और संवेदना भी मजबूत करते हैं।
कौन हैं डीएम अभिषेक पांडेय
अभिषेक पांडेय 2016 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और मूल रूप से गोरखपुर के निवासी हैं। वर्ष 1991 में जन्मे अभिषेक पांडेय को उत्तर प्रदेश के तेज-तर्रार और कर्मठ अफसरों में गिना जाता है। उन्होंने प्रशासनिक सेवा की शुरुआत 2017 में गाजीपुर जिले में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में की। इसके बाद वे कुशीनगर में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, बुलंदशहर में चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर (सीडीओ) और मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) के उपाध्यक्ष के रूप में सेवाएं दे चुके हैं।
मेरठ में अपने कार्यकाल के दौरान शहरी विकास, ट्रैफिक सुधार और अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए उन्हें विशेष सराहना मिली। आईआईटी रुड़की से बीटेक की पढ़ाई करने वाले अभिषेक पांडेय की यह पहल प्रशासन के मानवीय और संवेदनशील पक्ष को उजागर करती है।