
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजनीति में हुमायूं कबीर ने फिर से हलचल पैदा कर दी है। भारतपुर से विधायक हुमायूं कबीर, जिन्हें टीएमसी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित किया था, अब नए राजनीतिक मोर्चे के साथ सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी मुसलमानों का केवल वोट के लिए इस्तेमाल करती है और युवाओं को क्राइम की ओर धकेलने के अलावा कुछ नहीं किया।
कबीर ने कहा कि टीएमसी और बीजेपी दोनों ही उनके दुश्मन हैं और वे इन दोनों दलों को सत्ता से बाहर देखना चाहते हैं। उन्होंने घोषणा की कि उनका दल 135 सीटों पर चुनाव लड़ेगा, जिनमें 80–90 सीटें अल्पसंख्यक बहुल और शेष हिंदू बहुल क्षेत्र होंगे। उनका दावा है कि उनका दल धर्मनिरपेक्ष होगा और बंगाल के 11.5 करोड़ लोगों की आवाज बनेगा।
हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मुर्शिदाबाद में मस्जिद निर्माण परियोजना की घोषणा भी की। इस परियोजना के तहत 25 बीघा के परिसर में अस्पताल, विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, पार्क और हेलीपैड भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए उन्हें पहले ही 3 करोड़ रुपये से अधिक का दान मिल चुका है।
कबीर ने टीएमसी पर आर्थिक आरोप भी लगाए और पूछा कि ममता बनर्जी को पैसा कहां से मिला, साथ ही यह भी दावा किया कि बीजेपी और अटल बिहारी वाजपेयी ने टीएमसी गठन के समय ममता को आर्थिक सहयोग दिया था और सारधा चिट फंड घोटाले के जरिए भी भारी फंड मिला।
सुरक्षा की दृष्टि से हुमायूं कबीर ने निजी सुरक्षाकर्मी नियुक्त किए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र से धमकी भरे कॉल मिल रहे हैं, इसलिए वे कलकत्ता उच्च न्यायालय से अतिरिक्त सुरक्षा की मांग करेंगे। हुमायूं कबीर 22 दिसंबर को अपने नए दल की शुरुआत करेंगे और बंगाल की राजनीति में बड़ा बदलाव लाने का दावा कर रहे हैं।