
जयपुर: राजस्थान में भजनलाल सरकार के जन विश्वास अध्यादेश को राज्यपाल हरीभाऊ बागड़े ने मंजूरी दे दी है। राज्यपाल की मंजूरी के साथ ही 11 कानूनों में संशोधन लागू हो गए हैं। इनमें से तीन अपराधों – पानी बर्बादी/सीवरेज रुकावट, वन क्षेत्र में मवेशी चराना और वन संपदा को नुकसान पहुंचाना – के लिए जेल की सजा का प्रावधान हटा दिया गया है। अब इन अपराधों पर केवल जुर्माना ही वसूला जाएगा।
क्या-क्या बदलाव हुए:
- पानी की बर्बादी और सीवरेज रुकावट – पहले जेल का प्रावधान था, अब केवल जुर्माना वसूला जाएगा।
- वन क्षेत्र में मवेशी चराना – छह महीने की जेल की सजा हटाकर सिर्फ जुर्माना।
- वन संपदा को नुकसान – पहले छह महीने की सजा थी, अब केवल 5,000 रुपये का जुर्माना।
- पेड़ काटना – जुर्माना राशि बढ़ाकर 100 रुपए से 1,000 रुपए कर दी गई।
- उद्योग अधिनियम-1961 – उद्योग के प्रभारी द्वारा दस्तावेज़ नहीं प्रस्तुत करने पर अब जेल नहीं, केवल जुर्माना।
- जयपुर वाटर सप्लाय एण्ड सीवरेज बोर्ड अधिनियम-2018 – जल बर्बादी, दुरुपयोग या गैर-घरेलू कार्यों के लिए उपयोग पर जेल का प्रावधान हटा, अब केवल जुर्माना।
राज्य सरकार का कहना है कि यह संशोधन जनता को राहत देने और अपराधों के लिए सजा-प्रावधान को सरल और कार्यान्वयन योग्य बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
विशेष: जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है ताकि पर्यावरण और संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।