Saturday, December 13

अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप के भारत टैरिफ के खिलाफ पेश किया प्रस्ताव

वॉशिंगटन: भारत पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के खिलाफ अमेरिकी संसद में बगावत की हवा बह रही है। अमेरिकी सांसदों ने शुक्रवार को संसद में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसका उद्देश्य ट्रंप प्रशासन की राष्ट्रीय आपातकालीन घोषणा को रद्द कराना है, जिसके तहत भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाए गए थे।

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इस प्रस्ताव को पेश करने वाले प्रमुख सांसदों में उत्तरी कैरोलाइना की डेबोरा रॉस, टेक्सास के मार्क वेसी और इलिनॉय से भारतीय मूल के सांसद राजा कृष्णमूर्ति शामिल हैं। सांसदों का कहना है कि ये टैरिफ अवैध होने के साथ-साथ अमेरिकी उपभोक्ताओं और कारोबारियों के लिए भारी बोझ बन गए हैं।

डेबोरा रॉस ने कहा, “हमारे राज्य की अर्थव्यवस्था भारत के साथ व्यापार, निवेश और भारतीय-अमेरिकी समुदाय से गहराई से जुड़ी है। भारतीय कंपनियों के अरबों डॉलर के निवेश और हजारों नौकरियां इन रिश्तों पर निर्भर हैं, लेकिन टैरिफ ने इस पर गंभीर असर डाला है।”

मार्क वेसी ने इसे “अमेरिकियों पर लगाया गया टैक्स” करार दिया और कहा कि महंगाई से पहले ही जूझ रहे परिवारों के लिए ये टैरिफ हालात और कठिन बना रहे हैं। वहीं राजा कृष्णमूर्ति ने चेतावनी दी कि ये कदम सप्लाई चेन को बाधित कर रहे हैं, अमेरिकी कामगारों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और उपभोक्ताओं के खर्च को बढ़ा रहे हैं।

विशेष रूप से यह प्रस्ताव 27 अगस्त 2025 को भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25 प्रतिशत “सेकेंडरी टैरिफ” के खिलाफ है, जो भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने के कारण लागू किया गया था। सांसदों का तर्क है कि इन टैरिफ का असर केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा खामियाजा अमेरिकी कंपनियों और आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।

सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इस प्रस्ताव को द्विदलीय समर्थन मिल रहा है। ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के कई सांसदों ने भी इस कदम का समर्थन किया है और इसे कांग्रेस के संवैधानिक अधिकार को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया है।

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