Thursday, December 11

देश में E-सिगरेट बैन, संसद में हंगामा: अनुराग ठाकुर ने TMC सांसद पर आरोप लगाए

नई दिल्ली: लोकसभा में गुरुवार, 10 दिसंबर को हंगामा उस समय बढ़ गया जब बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक सांसद ने सदन के भीतर ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए पूछा कि जब देशभर में ई-सिगरेट बैन है, तो क्या लोकसभा में इसकी अनुमति है।

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अनुराग ठाकुर का सवाल:
ठाकुर ने स्पीकर ओम बिड़ला से पूछा कि क्या सदन में ई-सिगरेट पीने की अनुमति दी गई है। स्पीकर ने स्पष्ट कहा, “नहीं, किसी को इसकी अनुमति नहीं है।” इसके बाद ठाकुर ने आरोप लगाया कि कुछ TMC सांसद इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने मांग की कि इस पर उचित कार्रवाई की जाए।

सदन में शोर-शराबा:
इस आरोप के बाद सदन में शोर-शराबा बढ़ गया। स्पीकर ने कहा कि सदन के नियम सभी सांसदों पर समान रूप से लागू होते हैं और यदि इस संबंध में कोई औपचारिक शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी सांसदों से सदन की गरिमा और शिष्टाचार बनाए रखने की अपील की।

ई-सिगरेट क्या है?
ई-सिगरेट या वेप एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो पारंपरिक तंबाकू धूम्रपान की नकल करता है। इसमें बैटरी, एटोमाइज़र और निकोटीन वाले तरल की एक छोटी टंकी या कार्ट्रिज होती है। धुएँ की जगह इसमें से वाष्प निकलती है, जिसे “वेपिंग” कहा जाता है।

भारत में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध:
भारत सरकार ने 2019 में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन, बिक्री, आयात-निर्यात, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाया। यह कानून 18 सितंबर 2019 से लागू है और इसका उद्देश्य युवाओं में ई-सिगरेट के बढ़ते उपयोग और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को रोकना है।

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