
बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा और उनकी पत्नी सुनीता आहूजा ने अपने जीवन में कई उतार–चढ़ाव देखे हैं, लेकिन अपने दूसरे बच्चे को खोने का दर्द आज भी उनके दिल में ताजा है। हाल ही में एक इंटरव्यू में सुनीता ने इस दिल दहला देने वाली घटना का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे उनकी तीन महीने की बेटी ने उनकी ही गोद में दम तोड़ दिया था।
उषा काकड़े के यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान सुनीता ने बिना हिचकिचाए कहा,
“मेरी दूसरी बेटी का जन्म समय से पहले हुआ था। वह तीन महीने तक मेरी गोद में रही। उसके फेफड़े विकसित नहीं हुए थे और एक रात वह ठीक से सांस नहीं ले पा रही थी। मेरी आंखों के सामने, मेरी गोद में ही उसकी मौत हो गई।”
उन्होंने कहा कि अगर हालात सामान्य होते तो “आज मेरी दो बेटियां और एक बेटा होता।”
सुनीता ने बताया कि लगातार यात्राओं और कम वजन के कारण बच्ची समय से पहले यानी आठवें महीने में ही पैदा हो गई थी। पहली डिलीवरी आसान होने के कारण उन्हें अंदेशा नहीं था कि दूसरी बार स्थिति गंभीर हो सकती है।
दुख की इस घटना के बाद दंपती ने बेटे यशवर्धन का स्वागत किया, लेकिन उसके जन्म के समय भी परिस्थितियां बेहद चुनौतीपूर्ण रहीं। सुनीता ने बताया कि उस समय उनका वजन 100 किलो पहुंच चुका था।
“मुझे लगा मैं बच नहीं पाऊंगी… मुझे देखकर गोविंदा फूट-फूटकर रोने लगे थे,” उन्होंने कहा।
इंटरव्यू में सुनीता ने यह भी बताया कि उन दिनों लिंग निर्धारण परीक्षण कानूनी था और उन्हें पता चल गया था कि इस बार बेटा होने वाला है।
उन्होंने डॉक्टर से भावुक होकर कहा था,
“डॉक्टर साहब, मेरे पति को बेटा चाहिए। प्लीज मेरे बच्चे को बचा लीजिए। अगर इस प्रक्रिया में मेरी मौत भी हो जाए तो कोई बात नहीं।”