
नई दिल्ली: माता-पिता की सेवा करने के बावजूद यदि उनकी ओर से आलोचना सुननी पड़े, तो यह संतानों के लिए बेहद दर्दनाक स्थिति बन जाती है। ऐसी ही एक पीड़ा हाल ही में एक महिला ने संत प्रेमानंद महाराज के सामने साझा की। महिला का कहना था कि वह अपने माता-पिता की पूरी निष्ठा से सेवा करती हैं, इसके बावजूद वे दूसरों के सामने उनकी बुराई करते हैं।
इस पर प्रेमानंद महाराज ने जो जवाब दिया, वह न केवल उस महिला के लिए, बल्कि हर उस संतान के लिए सीख है, जो अपने माता-पिता के व्यवहार से मन में दुख संजोकर बैठी है।
“सेवा के बाद भी माता-पिता निंदा करें तो इसे फल समझो”
एक इंस्टाग्राम वीडियो में महिला के प्रश्न पर महाराज ने कहा कि कई बार बेटा और बहू अपने माता-पिता की तन-मन से सेवा करते हैं। लेकिन जब घर कोई रिश्तेदार आता है, तो माता-पिता उन्हीं बेटा-बहू की शिकायतें शुरू कर देते हैं।
महाराज बोले—
“कई बार बुढ़ापे में बुद्धि कमजोर हो जाती है। चाहे जितनी सेवा करो, वे निंदा कर देंगे। यही तुम्हारी सेवा का फल है। लेकिन तुम्हें सेवा करना बंद नहीं करना चाहिए।”
बुढ़ापे का असर: बुद्धि का असंतुलन, व्यवहार में कठोरता
संत ने समझाया कि बढ़ती उम्र में कई बार बड़ों का स्वभाव चिड़चिड़ा और शिकायतों से भरा हो जाता है। यह उनकी इच्छा नहीं, बल्कि उम्रजनित प्रभाव होता है। इसलिए संतान को इसे दिल पर लेने से बचना चाहिए।
उन्होंने कहा—
“सच्ची सेवा वही है जिसमें सहनशीलता शामिल हो। सेवा करने वाले की परीक्षा इसी में होती है कि निंदा सुनकर भी वह अपना कर्तव्य निभाए।”
“कर्तव्य कभी बंद नहीं करना चाहिए”
जब महिला ने पूछा कि क्या वह माता-पिता की देखभाल बंद कर दें, तो महाराज ने तुरंत कहा—
“नहीं, ऐसा बिल्कुल मत सोचिए। बच्चों को अपना कर्तव्य नहीं छोड़ना चाहिए। माता-पिता चाहे जैसा व्यवहार करें, सेवा उनका धर्म है।”
बच्चों की बदतमीजी पर भी दी थी यही सीख
एक अन्य आयोजन में एक मां ने शिकायत की कि बच्चे बड़े हो रहे हैं और कई कोशिशों के बाद भी बात नहीं मानते, बल्कि उल्टा जवाब देते हैं।
इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा—
“माता-पिता को अपने कर्तव्य का पालन करते रहना चाहिए। बच्चों को पूरी तरह छोड़ देना समाधान नहीं है। उन्हें सही राह दिखाते रहना ही माता-पिता का धर्म है।”
यह वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा में
महाराज के ये विचार सोशल मीडिया पर खूब शेयर किए जा रहे हैं। कई लोग इसे रिश्तों में धैर्य और कर्तव्य की महत्ता समझाने वाली सीख बता रहे हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख इंस्टाग्राम रील के आधार पर तैयार किया गया है। प्रस्तुत जानकारी की पूर्ण सत्यता या सटीकता की जिम्मेदारी एनबीटी नहीं लेता।