
रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को वह दृश्य देखने को मिला, जब बहस मुद्दे से आगे बढ़कर ‘ज्ञान’ पर पहुंच गई। सदन में पेयजल मंत्री योगेन्द्र प्रसाद और भाजपा विधायक डॉ. कुशवाहा शशि भूषण मेहता के बीच तकरार इतनी बढ़ गई कि पूरा माहौल गर्म हो उठा।
सदन में बालू आपूर्ति और खनन प्रबंधन पर चर्चा के दौरान मंत्री योगेन्द्र प्रसाद ने कहा—
“पूरे राज्य में 100 रुपये में 100 CFT बालू उपलब्ध कराया जा रहा है। फिर माननीय सदस्य पूछेंगे कि MDO का मतलब क्या होता है, तो बता दूं—माइंस डेवलपमेंट ऑपरेटर। माननीय सदस्य को इसका ज्ञान तो होगा ही।”
मंत्री के इस ‘ज्ञान’ वाले तंज ने भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता को नाराज कर दिया।
“हम कम पढ़े-लिखे नहीं” — भड़के शशिभूषण मेहता
मंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मेहता ने कहा—
“माननीय मंत्री जी, हम आपसे कम पढ़े-लिखे नहीं हैं। डबल एमए, पीएचडी, एलएलबी सब है हमारे पास। ज्ञान और अज्ञान की बात मत कीजिए।”
इसके बाद उन्होंने सरकार पर आरोपों और सवालों की झड़ी लगा दी, जिससे सदन में माहौल और गरमा गया।
अटल बिहारी वाजपेयी से प्रेरित हैं विधायक एसबीपी मेहता
पलामू जिले से आने वाले डॉ. कुशवाहा शशि भूषण मेहता शिक्षा जगत में अपनी पहचान रखते हैं।
- एमए (गोल्ड मेडलिस्ट)
- इतिहास में डबल एमए
- एलएलबी
- पीएचडी
मेहता अटल बिहारी वाजपेयी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं। वह झारखंड में शिक्षा के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं और SBP Mehta नाम से लोकप्रिय हैं।
2024 में दोबारा जीता चुनाव
2024 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पांकी सीट से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की। उन्होंने निर्दलीय देवेंद्र कुमार सिंह को 9,796 मतों से हराया था।
32 करोड़ की संपत्ति, 9 आपराधिक मामले
उनके हलफनामे के अनुसार—
- कुल संपत्ति: ₹32,15,46,244
- कुल देनदारी (कर्ज): ₹1,37,61,184
- पद: ऑक्सफोर्ड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के डायरेक्टर
- आपराधिक मामले: 9 लंबित मामले
निष्कर्ष
झारखंड विधानसभा के सत्र में मंत्री और विधायक के बीच हुई यह नोकझोंक सिर्फ बालू नीति तक सीमित नहीं रही, बल्कि ‘किसका ज्ञान बड़ा’—इस पर भी खूब चर्चा हुई। यह घटना बताती है कि झारखंड की राजनीति में तर्क के साथ-साथ तंज का भी अपना महत्त्व है।
