
कोटा। कोटा में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर के कार्यालय के पास से बाइक चोरी हो जाने के मामले ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंगलवार को सकतपुरा निवासी प्रकाश बारीया की बाइक चोरी हुई थी। शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने चोरी का आरोपी दिनेश सिंह गिरफ्तार कर चोरी की बाइक बरामद कर ली।
पुलिस की प्राथमिकता पर सवाल
हालांकि, शहर में आठ हजार लोगों से ब्रेन लिपि के नाम पर 2 करोड़ रुपये ठगने वाले आरोपी दीपक सिंह उर्फ कुमार शानू अब भी फरार हैं। शानू बिहार का रहने वाला है और पिछले एक महीने में पुलिस की पकड़ से दूर रहा। पुलिस के पास उसकी पूरी जन्मकुंडली होने के बावजूद वह अब तक पकड़ में नहीं आया।
कथित ठगी का तरीका
पुलिस के अनुसार, शानू ने कोटा में ओएसिस इंटरप्राइजेज नामक कंपनी खोलकर लोगों को अपने कार्यालय में बुलाया। उसने दावा किया कि कंपनी ब्लाइंड लोगों के लिए काम करती है और ब्रेन लिपि के कागज तैयार करवाए जाएंगे। इसी बहाने उसने 8 हजार लोगों से 2 करोड़ रुपये ठगे। आरोपी अपने कामकाज में अत्यंत सतर्क रहा और केवल दो-तीन कर्मचारियों से ही संपर्क करता था।
फरार आरोपी की लोकेशन
पुलिस को आरोपी की अंतिम लोकेशन दिल्ली में मिली थी। इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया और अब तक वह फरार है। शानू पहले यूपी के सहारनपुर, राजस्थान के बीकानेर और छत्तीसगढ़ के दुर्ग में भी लोगों को ठगा चुका है।
पुलिस की कार्रवाई
एसपी तेजस्वनी गौतम ने डीएसपी मनीष शर्मा के नेतृत्व में एसआईटी टीम बनाई है। टीम आरोपी की तलाश में लगातार दबिश दे रही है। आरोपी के परिवार तक पहुंचने का प्रयास भी किया गया, लेकिन वह किसी से संपर्क में नहीं है। पुलिस अब उसे पकड़ने और उसके नेटवर्क का खुलासा करने के लिए प्रयास जारी रखे हुए है।
यह मामला दर्शाता है कि बड़े पैमाने पर चल रही ठगी और धोखाधड़ी पर अभी भी कड़ी निगरानी और प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता है।
