Saturday, December 6

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में मैगी को लेकर बवाल, रॉड-डंडों से चले हमले; 15 छात्र निलंबित

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी में स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में गुरुवार देर रात छात्रों के बीच हुआ विवाद अचानक हिंसक झड़प में बदल गया। मामूली-सा दिखने वाला विवाद — “किसकी मैगी पहले बनेगी?” — देखते ही देखते इतना बढ़ गया कि छात्रों ने एक-दूसरे पर रॉड और डंडों से हमला कर दिया। घटना में कई छात्र घायल हो गए, जबकि दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।

फूड ऑर्डर को लेकर शुरू हुआ विवाद, पहुंचा खूनी संघर्ष तक

सूत्रों के अनुसार एम्स भोपाल के एक फेस्ट से लौटे एमबीबीएस छात्रों के दो समूह सुधामृत कैफे में मौजूद थे। मैगी बनाने की बारी को लेकर शुरू हुई कहासुनी कुछ ही मिनटों में तीखी नोकझोंक में बदल गई। बताया जा रहा है कि कुछ छात्र नशे में थे, जिससे स्थिति और ज्यादा बिगड़ गई।
बहस बढ़ते ही विवाद डे-स्कॉलर्स बनाम हॉस्टलर्स के बीच व्यापक झगड़े में बदल गया और दोनों ओर से रॉड, डंडे और कुर्सियों का इस्तेमाल होने लगा।

आईसीयू में भर्ती एक छात्र, कई घायल

इस दौरान बीच बचाव करने पहुंचे एक छात्र को गंभीर चोटें आईं, जिन्हें तुरंत आईसीयू में भर्ती कराया गया। एक अन्य घायल छात्र को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

कॉलेज प्रशासन की सख्त कार्रवाई, 15 छात्र सस्पेंड

घटना की जानकारी मिलते ही कॉलेज प्रशासन हरकत में आ गया। डीन डॉ. कविता एन. सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई गई। बैठक में इस घटना को “चरम अनुशासनहीनता” करार देते हुए कॉलेज ने तत्काल प्रभाव से 15 छात्रों को निलंबित कर दिया।
प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया कि मेडिकल अध्ययन से जुड़े विद्यार्थियों से उच्च स्तर के संयम और मर्यादा की अपेक्षा होती है, और किसी भी रूप में हिंसक व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस पूरे घटनाक्रम ने प्रदेश के प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान में सुरक्षा और छात्रों की अनुशासनात्मक जिम्मेदारी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

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