
नई दिल्ली/एनबीटी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करते और इंटरनेट से चलने वाले गैजेट्स से भी दूरी बनाए रखते हैं। लगभग 11 साल पहले पुतिन ने खुद इसकी वजह बताई थी। उनका मानना है कि इंटरनेट अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA का प्रोजेक्ट है और रूस को अपने ऑनलाइन हितों की रक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए।
पुतिन ने इंटरनेट के बारे में क्या कहा था?
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2014 में सेंट पीटर्सबर्ग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने कहा कि इंटरनेट को शुरू में CIA ने बनाया था और अभी भी इसे अमेरिका बढ़ा रहा है। उनका दावा था कि इंटरनेट रूस के हितों के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
अमेरिकी जासूसी का आरोप
2013 में NSA के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन ने खुलासा किया कि अमेरिका फेसबुक, स्काइप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बड़े पैमाने पर जासूसी कर रहा था। इसके बाद कई देशों ने इंटरनेट को अमेरिकी नियंत्रण से अलग करने की जरूरत पर जोर दिया। पुतिन भी इसी सोच के पक्षधर हैं।
रूस चाहता है अपना अलग इंटरनेट
पुतिन लंबे समय से कहते आए हैं कि रूस को स्वतंत्र इंटरनेट नेटवर्क चाहिए। उनका मानना है कि मौजूदा वैश्विक इंटरनेट से रूस के हितों को खतरा हो सकता है। हालांकि पुतिन ने यह भी कहा कि रूस अमेरिका जितना पैसा खर्च नहीं कर सकता, इसलिए ऐसा नेटवर्क बनाने में सीमित संसाधन हैं।
इंटरनेट का इतिहास
हालांकि पुतिन की थ्योरी अलग है, वास्तविकता यह है कि इंटरनेट का आविष्कार कई चरणों में हुआ।
- 1960 के दशक: ARPANET (एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क) की शुरुआत।
- 1983: ARPANET को इंटरनेट में बदला गया।
- 1989: ब्रिटिश वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का आविष्कार किया, जिससे इंटरनेट आम जनता के लिए उपलब्ध हुआ।
निष्कर्ष:
पुतिन इंटरनेट से दूर रहते हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह अमेरिकी नियंत्रण में है और रूस को अपने ऑनलाइन हितों की सुरक्षा करनी होगी। उनकी यह सोच 2014 में प्रेस कॉन्फ्रेंस और 2013 के स्नोडेन खुलासे से भी जुड़ी हुई है।