
चैट हिस्ट्री और लोकेशन डेटा से जुड़े संदेह
सुरक्षा एजेंसियों ने डॉ. आदिल के मोबाइल फोन, सोशल मीडिया अकाउंट, ई-मेल और कॉल रिकॉर्ड की फोरेंसिक जांच की। इस जांच में दो यूट्यूबरों का नाम सामने आया, जिनसे आदिल का संपर्क लंबे समय से था। इन यूट्यूबरों के साथ आदिल की चैट हिस्ट्री से कुछ संदिग्ध गतिविधियां सामने आईं। और सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आदिल की गिरफ्तारी से ठीक पहले ये दोनों यूट्यूबर जम्मू-कश्मीर गए थे, और उनके लोकेशन डेटा में कई संवेदनशील जगहों पर मौजूद होने की पुष्टि हुई है।
हुक्का बार का सीसीटीवी फुटेज बना बड़ा सुराग
जांच में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब जम्मू-कश्मीर के एक हुक्का बार का सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा। इस फुटेज में दोनों यूट्यूबर, डॉ. बाबर के साथ बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वही समय था जब आदिल और बाबर पर खुफिया एजेंसियां पहले से ही नजर रखे हुए थीं। फुटेज, लोकेशन हिस्ट्री और कॉल रिकॉर्ड की ट्रायएंगलिंग से यह स्पष्ट हुआ कि यह मुलाकात कोई संयोग नहीं थी, बल्कि एक योजनाबद्ध मिलन हो सकता है।
डिजिटल उपकरणों की फोरेंसिक जांच ने खोली नई परतें
हिरासत में लिए गए दोनों यूट्यूबरों के मोबाइल फोन, कैमरे, लैपटॉप, मेमोरी कार्ड और हार्ड ड्राइव जब्त कर लिए गए हैं। इन उपकरणों की फोरेंसिक जांच में कई अहम चैट, कॉल लॉग और वॉयस नोट्स मिले हैं। इसके अलावा, कुछ वीडियो फुटेज भी बरामद हुए हैं, जिनमें डॉक्टरों के साथ संदिग्ध मुलाकातों और यात्रा की रिकॉर्डिंग की गई है।
क्या यूट्यूबर थे केवल कंटेंट क्रिएटर या कुछ और?
जांच एजेंसियां इन वीडियो को फ्रेम दर फ्रेम स्कैन कर रही हैं, ताकि यह समझा जा सके कि क्या ये यूट्यूबर केवल कंटेंट क्रिएटर थे या फिर वे किसी गुप्त संदेश, सूचना या नेटवर्क का हिस्सा थे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए सुरक्षित या कोडेड कम्युनिकेशन के इस्तेमाल की संभावना भी जताई जा रही है।
डॉ. आदिल के घर पर ताला, निगरानी जारी
डॉ. आदिल का घर मऊ स्थित अमन विहार कॉलोनी में बंद है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां लगातार इस पर निगरानी रख रही हैं। स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियां मकान के आसपास आने-जाने वाले लोगों पर ध्यान दे रही हैं। आदिल के करीबी संपर्कों से पूछताछ की जा रही है, और उनके मोबाइल डेटा व सोशल मीडिया गतिविधियों का भी गहराई से विश्लेषण किया जा रहा है।
जांच की नई दिशा, कई नाम सामने आ सकते हैं
अब तक की जांच में मिले डिजिटल साक्ष्य, फुटेज, लोकेशन पैटर्न और संदिग्ध संपर्कों से यह साफ हो गया है कि इस मामले में केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक व्यापक नेटवर्क शामिल हो सकता है। जांच एजेंसियां इस नेटवर्क की पूरी संरचना का ब्लूप्रिंट तैयार करने में जुटी हैं, और आने वाले दिनों में नए नाम सामने आ सकते हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह केस कई नए मोड़ों पर पहुंच सकता है, और इस पर तेजी से काम किया जा रहा है।
सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की जांच को हर दृष्टिकोण से देख रही हैं और यह संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण सुराग सामने आ सकते हैं।