Tuesday, December 30

एलपीजी सब्सिडी का फॉर्मूला बदलेगा, अमेरिका से आयात के आधार पर तय होगी कीमत

 

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नई दिल्ली: एलपीजी (LPG) पर मिलने वाली सब्सिडी का तरीका बदल सकता है। सरकार इस पर विचार कर रही है क्योंकि अब सरकारी तेल कंपनियों ने अमेरिका से एलपीजी आयात के लिए सालाना कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं। इससे पहले सब्सिडी की गणना सऊदी कॉन्ट्रैक्ट प्राइस (CP) के आधार पर होती थी, लेकिन अब अमेरिका से आने वाले शिपमेंट और भारी-भरकम फ्रेट की लागत को भी शामिल किया जाएगा।

 

अमेरिका से आयात महंगा क्यों?

 

अमेरिका से एलपीजी भारत तक आने पर शिपिंग का खर्चा सऊदी अरब से आने वाले शिपमेंट के मुकाबले लगभग चार गुना अधिक है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका से एलपीजी तभी सस्ता पड़ता है जब कीमत में इतनी छूट मिले कि शिपिंग का खर्चा निकल जाए।

 

सालाना कॉन्ट्रैक्ट: इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने 2026 के लिए 2.2 मिलियन मीट्रिक टन एलपीजी अमेरिका से खरीदने का समझौता किया है।

यह भारत के सालाना एलपीजी आयात का लगभग 10% हिस्सा है।

 

सब्सिडी में बदलाव की संभावना

 

अभी तक सब्सिडी का हिसाब सऊदी CP के आधार पर होता था। सरकारी कंपनियां बाजार भाव से कम कीमत पर एलपीजी बेचकर हुए नुकसान की भरपाई सरकार से पाती थीं। नए फॉर्मूले के लागू होने पर सब्सिडी की गणना अमेरिका से आयात की लागत और अंतरराष्ट्रीय बाजार के भाव के आधार पर होगी।

 

हाल की कीमतें

 

दिल्ली में 14.2 किलो वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमत 853 रुपये है।

उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 300 रुपये की सब्सिडी मिलती है।

19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 1,580.50 रुपये है।

कीमतों में बदलाव हर महीने की पहली तारीख को होता है।

 

आगे क्या हो सकता है

 

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि नया फॉर्मूला लागू होने पर एलपीजी की सब्सिडी में उच्चतम कीमत अमेरिकी आयात और फ्रेट लागत के अनुसार तय होगी। इससे घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में संभावित वृद्धि या समायोजन हो सकता है।

 

 

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