Tuesday, December 9

बंगाल: बाबरी मस्जिद के लिए पैसों की बारिश, डोनेशन बॉक्स भर गए, UPI से भी जमकर हो रहा चंदा

कोलकाता/मुर्शिदाबाद। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेल्डांगा में बनने वाली बाबरी मस्जिद के लिए मुसलमानों ने बड़े पैमाने पर चंदा दिया है। टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को मस्जिद का फीता काटते हुए लोगों से चंदे की अपील की थी। इसके बाद डोनेशन की होड़ इतनी बढ़ गई कि सभी हैरान रह गए। बेल्डांगा में रखे 11 डोनेशन बॉक्स नोटों से भर गए और सोशल मीडिया पर साझा किए गए QR कोड के ज़रिए भी ऑनलाइन दान जमकर आने लगा।

UPI से भी भारी चंदा

हुमायूं कबीर ने बताया कि सोमवार शाम तक ऑनलाइन UPI के माध्यम से 2.47 करोड़ रुपये जमा हो चुके थे। वहीं, डोनेशन बॉक्स में रखी राशि भी 57 लाख रुपये तक पहुंच गई। मंगलवार को भी मशीनों के जरिए पैसों की गिनती जारी रही।

देशभर से दान का सिलसिला

मुर्शिदाबाद में बनने वाली बाबरी मस्जिद के लिए दान केवल पश्चिम बंगाल से नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी भेजा गया। हुमायूं कबीर ने मस्जिद निर्माण के लिए लगभग 38 करोड़ रुपये का बजट अनुमानित किया है। 6 दिसंबर को शिलान्यास के बाद चंदा देने का सिलसिला शुरू हुआ। लोगों ने ईंट के साथ नकद राशि लेकर डोनेशन बॉक्स में रखा।

धक्का-मुक्की के बीच कैश डाला गया

शिलान्यास के बाद स्टील के बड़े-बड़े डोनेशन बॉक्स में कैश डालने के दौरान धक्का-मुक्की हुई। कई नोट निशाने से चूक गए, लेकिन लोग लगातार प्रयास करते रहे। अंत में हुमायूं कबीर को स्वयं अपील करनी पड़ी कि अब डोनेशन न दें, क्योंकि बैंक में जमा राशि की सीमा पार हो चुकी थी।

कैश गिनने की जिम्मेदारी

रविवार रात को हुमायूं कबीर ने स्थानीय मदरसों के 30 शिक्षकों को अपने आवास पर कैश गिनने का काम सौंपा। गिनती सीसीटीवी निगरानी में की गई और प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर लाइव स्ट्रीम भी की गई।

सुरक्षा में चौबीसों घंटे सतर्कता

चंदा आने के दौरान हुमायूं कबीर को जान से मारने की धमकी भी मिली। इसके बाद उनके ट्रस्ट ने निजी सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर 24 घंटे सुरक्षा सुनिश्चित की। वर्तमान में राज्य सरकार की ओर से तीन पुलिसकर्मी भी उनकी सुरक्षा में तैनात हैं।

अगला कदम

सूत्रों के अनुसार हुमायूं कबीर अगले दो दिनों में दिल्ली जाने वाले हैं, जहां वे AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सहित कई राजनीतिक नेताओं से मुलाकात करेंगे।

बेल्डांगा में बाबरी मस्जिद के लिए आने वाले चंदे ने इस परियोजना को व्यापक समर्थन दिलाया है और अब हुमायूं कबीर के लिए यह जिम्मेदारी बन गई है कि ये राशि सही तरीके से इस्तेमाल की जाए।

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