Friday, December 5

राम गोपाल वर्मा: अहंकार और लापरवाही के बावजूद बेबाक निर्देशक

बॉलीवुड/एनबीटी। फिल्मों की दुनिया में अपनी अलग पहचान रखने वाले निर्देशक राम गोपाल वर्मा (RGV) ने हाल ही में ‘नवभारत टाइम्स’ से विशेष बातचीत में अपने करियर, विवादों और री-रिलीज़ फिल्मों को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि उनकी कुछ फिल्मों के सफल न होने के पीछे उनका अहंकार और लापरवाही प्रमुख कारण रहे।

‘रंगीला’ री-रिलीज़ का इरादा

30 साल पहले 1995 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘रंगीला’ को RGV ने हाल ही में 4K टेक्नीक और साउंड री-मास्टरिंग के साथ दोबारा रिलीज़ किया। उन्होंने बताया, “कुछ फिल्में हर दौर में प्रासंगिक रहती हैं और नई जनरेशन को आकर्षित कर सकती हैं। ‘रंगीला’ के किरदार आज भी रियलिस्टिक हैं। यही कारण है कि इसे री-रिलीज़ किया गया।”

स्टार फीस और इंडस्ट्री की धारणा

स्टार्स की मोटी फीस पर बहस के सवाल पर RGV ने कहा, “स्टार्स अपनी कीमत का हकदार हैं। अगर कोई निर्माता उनकी फीस देता है, तो उसका गणित सही होगा। स्टार्स खुद बेवकूफ नहीं हैं। करोड़ों की फीस देखकर ईर्ष्या करना आम बात है, लेकिन पैसे लगाने वाला सब आंकलन जानता है।”

सोशल मीडिया और टॉक्सिसिटी

RGV ने सोशल मीडिया पर अपने विवादित बयानों पर कहा, “मैं जो भी कहता हूँ, उसे पूरी तरह होश-ओ-हवास में कहता हूँ। कभी तरीका आउट ऑफ कॉन्टेक्स्ट हो सकता है। किसी को बुरा लगे तो समझ सकता हूँ, लेकिन मेरी नीयत गलत नहीं होती। टॉक्सिसिटी आज मानवीय स्वभाव का हिस्सा बन चुकी है।”

करियर और संघर्ष

इंजीनियरिंग कॉलेज से शुरुआत करने के बावजूद फिल्मों की ओर झुकाव रखने वाले RGV ने बताया कि उनका संघर्ष कभी रोक नहीं पाया। “ब्रेक पाना मेरी जिम्मेदारी थी। अगर प्रतिभा है तो उसे साबित करना मेरा काम है। मैंने असिस्टेंटशिप की और मौके का फायदा उठाया।”

अवार्ड्स और प्रेरणा

नेशनल फिल्म अवॉर्ड पर सवाल पर उन्होंने कहा, “मैं अवॉर्ड की परवाह नहीं करता। महज कुछ लोग तय नहीं कर सकते कि फिल्म का मेरिट क्या है। मुझे फिल्म बनाने का जुनून और प्रेरणा फिल्में ही देती हैं—‘द साउंड ऑफ म्यूजिक’, ‘गॉडफादर’, ‘एक्सोर्सिस्ट’, ‘शोले’।”

बेबाक बयान और अहंकार की स्वीकारोक्ति

RGV ने साफ किया कि उनके विवादित बयान होश-ओ-हवास में कहे गए हैं और फिल्मों में सफलता न मिलने के पीछे उनका अहंकार और लापरवाही जिम्मेदार रही। उन्होंने यह भी बताया कि अपने करियर में वह हमेशा नए प्रयोग और री-प्रोडक्शन के जरिए सिनेमा की सीमाओं को चुनौती देते रहे हैं।

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