
बॉलीवुड/एनबीटी। फैशन और फिल्मों की दुनिया के चमकते सितारे मनीष मल्होत्रा का सफर बेहद प्रेरणादायक है। आज मनीष भारत और विदेशों में अपने ब्रांड का नाम चमका रहे हैं, लेकिन उनका आरंभिक संघर्ष बेहद साधारण और मेहनती था।
छोटी बुटीक में महज 500 रुपये
5 दिसंबर 1966 को जन्मे मनीष मल्होत्रा ने अपने करियर की शुरुआत बांद्रा की एक छोटी बुटीक से की थी। उस समय उनकी मासिक कमाई महज 500 रुपये थी। दिनभर कपड़े फोल्ड करना, कस्टमर को दिखाना और डिजाइन की समझ हासिल करना ही उनका काम था।
मनीष बताते हैं, “बुटीक में बैठकर मैं स्केच करता और नए आइडियाज पन्नों पर उतारता। यही भविष्य का रास्ता तलाशने जैसा था।”
फिल्मों का जुनून और प्रेरणा
बचपन से ही मनीष को फिल्मों का शौक था। दसवीं क्लास में हर शुक्रवार नई फिल्म का इंतजार रहता था। रंग, कागज और पेंसिल से लगाव ने उन्हें फैशन की ओर मोड़ा। उनकी मां ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें प्रेरित किया।
फिल्मों में करियर का टर्निंग प्वॉइंट
साल 1990 में गोविंदा-जूही चावला और राजेश खन्ना स्टारर फिल्म ‘स्वर्ग’ उनके लिए टर्निंग प्वॉइंट साबित हुई। 25 साल की उम्र में पहला ब्रेक मिलने के बाद मनीष ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद उन्होंने ‘गुमराह’, ‘रंगीला’, ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘कभी अलविदा न कहना’, ‘ऐ दिल है मुश्किल’, ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ जैसी फिल्मों में अपने बेहतरीन डिज़ाइन दिए।
आज का मनीष मल्होत्रा
आज मनीष मल्होत्रा सिर्फ एक डिजाइनर नहीं, बल्कि एक ब्रांड बन चुके हैं। बॉलीवुड सितारों की शान बढ़ाने से लेकर ग्लैमर की दुनिया में चार चांद लगाने तक, उनका नाम अब प्रेरणा और सफलता का प्रतीक बन चुका है।