Friday, December 5

यूपी में रोजगार की बहार: योगी सरकार के 8 वर्षों में बेरोजगारी दर घटी, युवाओं में उत्साह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के आठ साल पूरे होने पर राज्य में रोजगार और औद्योगिक विकास की दिशा में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कभी 19% तक पहुंच चुकी बेरोजगारी दर अब घटकर सिर्फ 2.4% रह गई है। यह कमी राज्य में तेजी से बढ़े निवेश, मजबूत औद्योगिक आधार और कौशल विकास योजनाओं की सफलता का प्रत्यक्ष प्रमाण मानी जा रही है।

सरकार द्वारा लागू की गई जीसीसी नीति 2025 ने वैश्विक कंपनियों के निवेश को आकर्षित करते हुए रोजगार सृजन में नई ऊर्जा भरी है। इस नीति के तहत दो लाख से अधिक उच्च तकनीकी नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, यूपी रोजगार मिशन ने पिछले एक वर्ष में ही 1.25 लाख युवाओं को सीधा रोजगार उपलब्ध कराया है।

प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर रोजगार का सबसे बड़ा स्तंभ बनकर उभरा है। वर्तमान में 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयाँ सक्रिय हैं, जिन्होंने अब तक 2 करोड़ से ज्यादा रोजगार प्रदान किए हैं। सिर्फ पिछले एक वर्ष में इस सेक्टर ने 18 लाख नए रोजगार सृजित कर ग्रामीण और छोटे शहरों की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। सरकारी प्रोत्साहन, आसान ऋण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने उद्यमिता को नई दिशा दी है।

कौशल विकास मिशन के अंतर्गत अब तक 14 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें से 5.66 लाख युवाओं को सीधा रोजगार मिला है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं और युवाओं का पलायन कम हुआ है। औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़कर 25% तक पहुँच गई है, जो आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

रोजगार महाकुंभ 2025 और विभिन्न वित्तीय योजनाओं ने न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया है। इसका लाभ सबसे ज़्यादा ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को मिला है। अब बड़ी संख्या में युवा अपने ही क्षेत्र में काम पा रहे हैं, जिससे शहरों की ओर पलायन कम होने लगा है।

योगी सरकार ने वर्ष 2047 तक यूपी को विकसित राज्य बनाने का लक्ष्य तय किया है। रोजगार को विकास का आधार बनाते हुए सरकार संगठित योजना, निवेश विस्तार और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ रही है। बीते आठ वर्षों में हुए ये बदलाव संकेत देते हैं कि उत्तर प्रदेश बड़े परिवर्तन की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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