
मुंबई | महानगर की दूषित हवा से बढ़ती चिंता के बीच बीएमसी ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। जून 2026 से शहर में एक अत्याधुनिक एआई-आधारित सिस्टम ‘MANAS’ (Mumbai Air Network for Advanced Sciences) शुरू किया जाएगा, जो हर इलाके का रीयल-टाइम AQI बताएगा। यह प्रणाली IIT कानपुर के सहयोग से तैयार की जा रही है।
वर्तमान सिस्टम क्यों नहीं दे पा रहा सटीक डेटा?
मुंबई में इस वक्त 28 बड़े प्रदूषण मापने वाले स्टेशन हैं। ये पूरे इलाके का औसत AQI दिखाते हैं, लेकिन
- छोटे इलाकों में अचानक बढ़ने वाला प्रदूषण पकड़ नहीं पाते
- गली-कूचों के वास्तविक हालात छिप जाते हैं
इसी कमी को दूर करने के लिए MANAS को तैयार किया गया है।
MANAS कैसे बदलेगा मुंबई का AQI नेटवर्क?
नया सिस्टम CPCB के मौजूदा नेटवर्क के समानांतर चलेगा।
- शहरभर में 75 छोटे और किफ़ायती सेंसर लगाए जाएंगे
- हर मोहल्ले की हवा का सटीक और त्वरित डेटा उपलब्ध होगा
- सारी जानकारी बीएमसी के अपने पोर्टल पर दिखेगी
- नागरिक मोबाइल और कंप्यूटर पर अपने इलाके का AQI तुरंत देख सकेंगे
सिस्टम की सबसे बड़ी ताकत—कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)
इस सिस्टम में एआई मुख्य भूमिका निभाएगा।
एआई सेंसर से आने वाले डेटा का विश्लेषण कर यह बताएगा कि प्रदूषण बढ़ने की वजह क्या है—
- निर्माण कार्य की धूल?
- ट्रैफिक जाम का धुआं?
- किसी फैक्ट्री का उत्सर्जन?
- या मौसम में बदलाव?
इससे बीएमसी को यह समझने में बड़ी मदद मिलेगी कि किस क्षेत्र में तुरंत कार्रवाई करनी है।
तैयारी की टाइमलाइन क्या है?
बीएमसी अधिकारियों के अनुसार—
- पहले चुनिंदा इलाकों में सेंसर लगाए जाएंगे
- अगले छह महीनों में तकनीकी सेटअप पूरा कर लिया जाएगा
- इसके बाद महीनों तक नए और पुराने सेंसरों के डेटा की तुलना होगी
- सत्यापन के बाद 2026 के मध्य तक यह सिस्टम आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा
मुंबई की हवा को साफ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
MANAS सिस्टम के लागू होने से—
- कार्रवाई समय पर और लक्ष्यित होगी
- प्रदूषण का वास्तविक स्रोत तुरंत पता चलेगा
- शहर की हवा को बेहतर बनाने के प्रयासों में तेजी आएगी
- नागरिकों को भी स्वास्थ्य और यात्रा से संबंधित फैसले लेने में सुविधा होगी
मुंबई जैसे विशाल महानगर के लिए यह एआई-आधारित सिस्टम एक क्रांतिकारी और उपयोगी पहल साबित हो सकता है।