
पंजाब के मोगा जिले के घोलिया खुर्द गांव में मोबाइल फोन की बढ़ती लत को लेकर एक अनोखी और चर्चित प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता का नाम था ‘व्हेले बैन दा मुकाबला’, जिसका सीधा अर्थ है—खाली बैठने का मुकाबला। उद्देश्य था लोगों को मोबाइल से कुछ समय के लिए दूर ले जाकर मानसिक शांति का एहसास कराना।
क्या थी चुनौती?
प्रतियोगिता के नियम बेहद कठिन थे—
- प्रतिभागी 31 घंटे तक एक ही जगह बैठे रहेंगे।
- फोन का इस्तेमाल सख्त मना।
- न उठना, न लेटना, न सोना और न ही वॉशरूम जाने की अनुमति।
- केवल खाना-पीना उपलब्ध कराया गया और चाहें तो किताबें पढ़ सकते थे।
आज के दौर में जब लोग कुछ मिनट भी फोन के बिना बेचैन हो जाते हैं, ऐसे में यह चुनौती किसी कठोर परीक्षा से कम नहीं थी।
कितने लोग टिक पाए?
इस अनोखी प्रतियोगिता में कुल 55 लोगों ने हिस्सा लिया, लेकिन शुरू किए गए कठिन सफर में से सिर्फ 3 लोग ही अंत तक टिक सकें।
लगातार 31 घंटे 4 मिनट बैठने के बाद
- सतबीर सिंह
- लमप्रीत सिंह
संयुक्त विजेता घोषित हुए।
प्रतिभागियों ने बताया कि मानसिक रूप से शांत रहने के लिए कई लोग गुरबाणी का जाप करते रहे। विजेताओं ने कहा कि इतने समय फोन से दूर रहकर उन्हें “अद्भुत राहत” महसूस हुई।
क्यों जरूरी हैं ऐसी पहलें?
आयोजकों के अनुसार आज स्मार्टफोन सिर्फ ज़रूरत नहीं, एक लत बन चुका है।
- लोग धैर्य खो रहे हैं
- अकेले समय बिताना मुश्किल हो रहा है
- मानसिक शांति खत्म हो रही है
ऐसे में मनोरंजक तरीकों से लोगों को डिजिटल डिटॉक्स कराना एक सकारात्मक कदम है। इससे पहले इसी तरह का कार्यक्रम पंजाब के बरनाला जिले में भी सफलतापूर्वक आयोजित किया जा चुका है।
आयोजकों को उम्मीद है कि इस तरह के मुकाबले आगे और भी जगह आयोजित होंगे, ताकि खेल-खेल में लोग अपनी डिजिटल आदतों को नियंत्रण में ला सकें।