Wednesday, December 3

Apple ने भारत सरकार के ‘संचार साथी ऐप’ आदेश को किया खारिज, प्राइवेसी को बताया खतरा

नई दिल्ली। भारत सरकार ने सभी मोबाइल कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे अपने नए स्मार्टफोन में ‘संचार साथी’ ऐप प्री-इंस्टॉल करें। यह ऐप चोरी हुए फोन को ट्रैक करने, ब्लॉक करने और साइबर अपराध रोकने के लिए बनाया गया है। लेकिन iPhone निर्माता Apple ने इस आदेश का पालन करने से साफ इंकार कर दिया है।

सरकार का आदेश
दूरसंचार विभाग ने सभी मोबाइल कंपनियों को 90 दिनों के अंदर नए स्मार्टफोन में संचार साथी ऐप डालने का निर्देश दिया था। पुराने फोन में भी अपडेट के जरिए इसे इंस्टॉल करना था और यूजर को इसे डिलीट या बंद करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए थी।

Apple ने क्यों किया इनकार?
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, Apple का कहना है कि इस तरह का आदेश कंपनी की प्राइवेसी और सिक्योरिटी पॉलिसी के खिलाफ है। iPhone का iOS सिस्टम बहुत सख्त और बंद है, जिससे कोई भी बाहरी ऐप सिस्टम में गहराई तक प्रवेश नहीं कर सकता। Apple का डर है कि सरकारी ऐप को जबरदस्ती इंस्टॉल करने से हैकर्स के लिए सुरक्षा में सेंध लग सकती है और यूजर्स का निजी डेटा खतरे में पड़ सकता है।

ऐप की प्राइवेसी पॉलिसी
संचार साथी ऐप एंड्रॉयड में कॉल लॉग, मैसेज और फोन कॉल तक की पहुंच मांगता है, जबकि iPhone में कैमरा, फोटो और फाइलों की इजाजत लेता है। Apple को डर है कि इससे iPhone की जासूसी संभव हो सकती है।

यूजर को मिले विकल्प
आदेश पर विवाद के बाद दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि संचार साथी ऐप पूरी तरह वैकल्पिक है। यूजर चाहे तो इसे रखे या कभी भी डिलीट कर सके।

यह कदम Apple की प्राइवेसी सुरक्षा के प्रति गंभीर रुख को दर्शाता है और भारत में सरकारी ऐप के प्री-इंस्टॉलेशन को लेकर तकनीकी व कानूनी चुनौतियों को सामने लाता है।

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