
मुंबई/नई दिल्ली। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में नवंबर महीने में प्रॉपर्टी बिक्री ने अब तक के सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए। महंगी रियल एस्टेट मार्केट के लिए मशहूर इस शहर में इन्फ्रास्ट्रक्चर के बड़े प्रोजेक्ट्स और बेहतर कनेक्टिविटी ने प्रॉपर्टी की मांग को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
नवंबर में कुल 12,219 प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड की गईं, जो पिछले साल की तुलना में 20% अधिक हैं। रजिस्ट्रेशन और स्टांप ड्यूटी से महाराष्ट्र सरकार को 1,038 करोड़ रुपये का राजस्व मिला—12% की सालाना बढ़ोतरी।
11 महीनों में 135,807 डील, 12,224 करोड़ की कमाई
साल 2025 के पहले 11 महीनों में मुंबई में 135,807 प्रॉपर्टी डील दर्ज हुईं, जिससे राज्य सरकार को 12,224 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला। पिछले साल की तुलना में रजिस्ट्रेशन में 5% और राजस्व में 11% की वृद्धि दर्ज की गई। उद्योग विशेषज्ञ इसे बाजार में खरीदारों के मजबूत भरोसे और स्थिर मांग का संकेत बता रहे हैं।
नाइट फ्रैंक इंडिया के CMD शिशिर बैजल ने कहा, “मुंबई का आवासीय बाजार लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। हर सेगमेंट में मांग मजबूत है और खरीदार प्रीमियम घरों की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।”
इन्फ्रास्ट्रक्चर बूम बना शहर की रियल एस्टेट की धड़कन
मेट्रो विस्तार, नए कनेक्टिविटी कॉरिडोर, हाईवे प्रोजेक्ट और तटीय सड़क जैसे बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्य शहर की रियल एस्टेट गतिविधियों को नई दिशा दे रहे हैं।
शेठ रियल्टी के CMD चिन्तन शेठ ने कहा, “मुंबई में तेजी से हो रहा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास नए इलाकों को रहने लायक बना रहा है। खरीदार आत्मविश्वास के साथ आगे आ रहे हैं। गिरती मॉर्गेज दरें भी बिक्री को बढ़ावा दे रही हैं।”
महंगे घरों की मांग में सबसे ज्यादा उछाल
प्रॉपर्टी बिक्री का सबसे बड़ा हिस्सा आवासीय सेगमेंट का रहा—80% रजिस्ट्रेशन सिर्फ घरों के हुए।
- 5 करोड़+ कीमत वाले घरों का हिस्सा बढ़कर 7% हो गया (पिछले साल 5%)
- 1–2 करोड़ के घरों की हिस्सेदारी बढ़कर 33%
- 1 करोड़ से कम कीमत के घरों का हिस्सा घटकर 42%, जो बढ़ती कीमतों का असर दिखाता है
- 2–5 करोड़ वाले घर 18% पर स्थिर
खरीदार छोटे लेकिन बेहतर प्लानिंग वाले घर ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
- 1,000 वर्गफुट तक के घर—कुल बिक्री का 84%
- 500–1,000 sqft के घरों की सबसे ज्यादा मांग
- 1,000–2,000 sqft के बड़े घरों की हिस्सेदारी बढ़कर 13%
- 2,000 sqft से अधिक वाले लग्जरी अपार्टमेंट 4% तक पहुंच गए
पश्चिमी और मध्य उपनगर बने सबसे बड़ा हॉटस्पॉट
मुंबई के पश्चिमी और मध्य उपनगर प्रॉपर्टी बिक्री के सबसे मजबूत केंद्र बनकर उभरे।
- पश्चिमी उपनगर — 56% हिस्सा
- मध्य उपनगर — 29%
- दक्षिण मुंबई — 9% पर स्थिर
- सेंट्रल मुंबई — घटकर 6%
बाजार में विश्वास, खरीदारों की आवाजाही और विकास की गति—सबने मिलकर रचा नया रेकॉर्ड
बेहतर कनेक्टिविटी, व्यापक विकास कार्य, गिरती ब्याज दरें और बढ़ता विश्वास—ये सभी कारक मिलकर मुंबई की प्रॉपर्टी मार्केट को नई ऊँचाइयों पर ले जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजी आने वाले महीनों में भी जारी रहने की पूरी संभावना है।